भागलपुर और पटना में हवा की गुणवत्ता हुई खतरनाक

बिहार में लॉकडाउन के बाद एक बार फिर राजनधी पटना और भागलपुर समेत कई शहरों की हवा खतरनाक हो गई है। एयर विजुअल एप के मुताबिक भागलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 एक्यूआई पहुंच गया वहीं रविवार शाम को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम 500 तक पहुंच गया है। हालांकि, औसत सूचकांक 288 है। यानी राजधानी में शाम की हवा ज्यादा प्रदूषित हो गई है।

यह स्थिति लॉकडाउन लगने के बाद यानी मार्च के बाद पहली बार हुई है। पटना की हवा में धूलकण की मात्रा ज्यादा हो गई है। जिसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। दिवाली तक वायु प्रदूषण और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वायु प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण शहर में फैली गंदगी, खुले में निर्माण, सड़क खोदकर छोड़ देना है। इससे धूलकण हवा में तैरने लगे हैं। धुंध का कारण भी यही है।

शहर में सबसे पहले चिड़ियाघर के आस-पास का वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दूसरे स्थान पर तारामंडल परिसर का इलाका है। नगर निगम की ओर से पानी का छिड़काव की भी कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं दिख रही है।
तारामंडल परिसर में लगे वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन से प्राप्त शाम आठ बजे के आकड़े के मुताबिक इस इलाके में पीएम 2.5 यानी महीन धूलकण का अधिकतम सूचकांक 475 पहुंच गया है। वहीं, चिड़ियाघर के आस-पास अधिकतम सूचकांक 500 पहुंचा और राजवंशी नगर में अधिकतम 369 हो गया है।

हालांकि, इन तीनों स्थलों का औसत सूचकांक की बात करें तो तारामंडल के पास 374, राजवंशी नगर में 369 और चिड़ियाघर के पास 275 पाया गया है। वहीं पीएम 10 यानी मोटे धूलकण की मात्रा भी काफी बढ़ गई है।

सांस के रोगियों की बढ़ेगी परेशानी-

पटना एम्स के डॉ. सौरभ करमाकर ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने का सबसे ज्यादा असर सांस और अस्थमा के रोगियों पर पड़गा। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सुबह और शाम में घर से निकलने से बचें। बाहर मास्क लगाकर ही निकलें।

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