लालू यादव की सेहत मेंआयी गिरावट, किडनी लेवल भी बढ़कर फोर्थ स्टेज में पहुंचा

रांची। रांची स्थित रिम्स के केली बंगले में इलाजरत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके चाहने वालों के लिए बुरी खबर है। लालू प्रसाद के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है। उनकी सेहत में कुछ दिनों से लगातार गिरावट आ रही है। उनका इलाज कर रहे डा. उमेश प्रसाद ने बताया कि उनका किडनी फंक्शनिंग पूर्व में 35 प्रतिशत था, जो अब घटकर 25 प्रतिशत हो गया है। उनका किडनी लेवल फोर्थ स्टेज में पहुंच चुका है।

चिकित्सक के अनुसार स्वास्थ्य में इसी तरह गिरावट होती रही तो कुछ दिनों में उन्‍हें डायलिसिस की नौबत आ सकती है। किडनी अब सिर्फ 25 प्रतिशत ही काम कर रहा है। बीते दिनों की अपेक्षा किडनी में 10 फीसद तक की गिरावट आई है। लालू प्रसाद की बिगड़ती सेहत डाॅक्टरों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। रिम्स में जब लालू प्रसाद भर्ती हुए थे, तब उनका किडनी लेवल थर्ड स्टेज में था। 2 साल तक इंसुलिन और रिम्स के चिकित्सकों की देखरेख में किडनी ने बेहतर काम किया।

डा. उमेश प्रसाद ने बताया कि इधर कुछ दिनों से राजद सुप्रीमो मानसिक तनाव में भी हैं। अपने स्वास्‍थ्‍य को लेकर वे काफी चिंतित हैं। बताते चलें कि लालू प्रसाद के स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह की जानकारी समय-समय पर न्यायलय को दी जा रही है। अगर कोरोना वायरस का खतरा नहीं होता तो लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा जा सकता था।

जेल से आदेश लेकर आए मुलाकाती को लालू ने लौटाया, बगैर अनुमति के दर्जनों से की मुलाकात

इधर, चुनावी हलचल के बीच शनिवार को भी राजद प्रमुख टीवी से बिहार चुनाव के अंतिम चरण के मतदान का लाइव कवरेज देखते रहे। टीवी देखने के चक्कर में उन्होंने उनसे मिलने आए लोगों से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। झारखंड के राजद नेता प्रो रिजवान अंसारी जेल प्रशासन से अनुमति लेने के बाद लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात लालू प्रसाद से नहीं हो सकी।

नेता रिजवान अंसारी ने बताया कि उन्होंने जेल अधीक्षक से तीन बार अनुमति के लिए आवेदन दिया। इसके बाद उन्हें अनुमति मिली थी। उधर, बगैर जेल प्रशासन से अनुमति लिए शनिवार को बिहार के दर्जनों नेता-कार्यकर्ताओं ने उनसे मुलाकात की। सभी एक साथ केली बंगले के भीतर गए थे। करीब आधे घंटे से अधिक समय तक सभी अंदर लालू प्रसाद से मुलाकात कर रहे थे। दैनिक जागरण के पास जो तस्वीर है, वह इसकी पुष्टि कर रही है कि लालू प्रसाद के आगे जेल का कानून भी फेल हो जाता है।

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