SIT रिपोर्ट में विकास दुबे के रसूख का बड़ा खुलासा, कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

कानपुर. कानपुर (Kanpur) के बहुचर्चित बिकरू कांड की एसआईटी (SIT) रिपोर्ट से रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं. एसआईटी रिपोर्ट में पुलिस, प्रशासन, राजस्व और जिला सप्लाई विभाग पर विकास दुबे (Vikas Dubey) के रसूख की कहानी सुनाता है. इसीलिए एसआईटी ने इन विभागों के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है. एसआईटी की रिपोर्ट पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई होने के आसार हैं. एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक इन विभागों के अफसरों ने न सिर्फ मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की गतिविधियों पर चुप्पी साधे रखा बल्कि उसे प्रोत्साहित भी किया.

2004 में ही निरस्त हुआ था असलहा-

एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सरकार में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के बाद 2004 में विकास दुबे का असलहा लाइसेंस निरस्त किया गया था, लेकिन 2020 तक पुलिस विकास दुबे का असलहा जमा नहीं करवा पाई. इतना ही नहीं अक्टूबर 2017 में लखनऊ के कृष्णा नगर थाना क्षेत्र से लाइसेंसी ऑटोमेटिक रायफल के साथ विकास दुबे गिरफ्तार हुआ था, लेकिन पुलिस की कमज़ोर पैरवी के चलते अप्रैल 2018 में विकास दुबे का असलहा कोर्ट के आदेश से रिलीव हो गया था. विकास दुबे और उसके करीबियों के शस्त्र लाइसेंस बनवाने में भी पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही का ज़िक्र एसआईटी रिपोर्ट में किया गया है.

इन पर एक्शन की सिफारिश-

सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने कानपुर नगर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव और एएसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है. अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन के भी कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. वर्ष 1990 से 2020 तक के विकास दुबे के सफर में उसे संरक्षण देने वाले अफसर इसमें चिह्नित किए गए हैं.

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