मां अपने प्रेमी के साथ सौतेली बेटी से कमरे में जबरदस्ती करवाती थी घिनौना कम, कोर्ट ने नामंजूर की जमानत

कानपुर। बेटी से दुष्कर्म कराने और अश्ललील वीडियो वायरल करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो राजवीर सिंह ने आरोपित सौतेली मां की अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने किशोरी के बयानों के आधार पर घटना को अंजाम दिलाने में मां की मुख्य भूमिका होने का संज्ञान लिया है।

पनकी निवासी व्यक्ति ने दूसरी पत्नी के खिलाफ एससीएसटी और बेटी से दुष्कर्म के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। आरोप था कि संपत्ति हड़पने की नियत से पत्नी षडयंत्र कर रही है। उसने अपने प्रेमी के साथ सौतेली बेटी को जबरन कमरे में बंद करके संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। इस मामले में आरोपित महिला की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर शुक्रवार को सेम डे सुनवाई की अर्जी देते हुए सरेंडर किया।

आरोपित महिला की ओर से बचाव पक्ष ने कहा कि वादी की पत्नी होने के नाते उसपर एससीएसटी एक्ट का अपराध नहीं बनता। इसके साथ ही वह महिला है इसलिए दुष्कर्म का आरोप भी नहीं बनता। महिला ने स्वीकार किया कि उसने दोनों पुत्रियों की परवरिश मां की हैसियत से की है। चूंकि वादी लालची और शराबी है इसलिए उसके संबंध श्याम सुंदर से हो गए। उसने कोई अपराध नहीं किया। ऐसे में उसे जमानत दी जानी चाहिए।

विशेष लोक अभियोजक गंगा प्रसाद यादव ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि महिला ने सौतेली ही सही लेकिन बेटी के दुष्कर्म का षडयंत्र ही नहीं किया बल्कि उसमे बराबर की सहयोगी रही। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि महिला घटना की मुख्य भूमिका में है। ऐसे में जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है। अभियोजन अधिकारी के मुताबिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपति श्याम सुंदर उर्फ पिंटू की जमानत पूर्व में खारिज की जा चुकी है।

मां कमरे में जाने का दबाव बनाती थी-

किशोरी ने कोर्ट को दिए बयान में कहा था कि मां अक्सर आरोपित के साथ कमरे में जाने का दबाव बनाती थी। विरोध करने पर मारती पीटती और गाली गलौच करती थी। उसने अश्लील फोटो भी वायरल की थी। इसका फायदा उठाकर आरोपित श्याम सुंदर ने कई बाद दुष्कर्म किया और मारापीटा।

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