क्या बिहार में और मजबूत हो पायेगी बीजेपी? चिराग ने खेला नया दांवपेंच, जानें क्या है बीजेपी नयी प्लानिंग

बिहार में पहले चरण के मतदान में अब बस दो दिन बाकी बचे हैं। ऐसे में राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। इस बीच रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने एक और सियासी चाल चल दी। उन्‍होंने बिहार की जनता से अपील की कि जिन सीटों पर लोजपा के उम्‍मीदवार नहीं हैं वहां वे भाजपा के पक्ष में मतदान करें। चिराग ने एक ट्वीट कर लोगों से अपील की कि जहां लोजपा के उम्‍मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं वहां लोजपा और जहां लोजपा के उम्‍मीदवार नहीं हैं वहां भाजपा को वोट दें। चिराग ने कहा कि आने वाली सरकार नीतीश मुक्‍त सरकार बनेगी।

इसके पहले सीतामढ़ी पहुंचे चिराग पासवान ने विश्‍वास जताया कि चुनाव बाद बिहार में लोजपा और भाजपा की सरकार बनेगी।उन्‍होंने कहा कि लोजपा की जो अगली सरकार बनेगी उसी में हम सीतामढ़ी में माता सीता के भव्‍य मंदिर की आधारशिला रखेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्‍या बिहार में आपकी सरकार बनने जा रही है चिराग बोले,’बिल्‍कुल,हमारी सरकार बनेगी। कम से कम जो मुख्यमंत्री हैं वो दोबारा मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और भाजपा के नेतृत्व में हम भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे।’ गौरतलब कि चिराग पासवान, लोजपा के घोषणा पत्र में भी सीतामढ़ी में माता सीता का भव्‍य मंदिर बनवाने का ऐलान कर चुके हैं। रविवार को उन्‍होंने कहा, मैं अयोध्‍या में बन रहे भव्‍य राममंदिर से भी भव्‍य मंदिर यहां बनवाऊंगा। इसके पीछे मेरी आस्‍था तो है ही। यह भी है कि यहां भव्‍य मंदिर बनेगा तो आसपास के इलाके का विकास होगा और एक मजबूत इंफरास्‍ट्रक्‍चर खड़ा होगा। चिराग ने अयोध्‍या से सीतामढ़ी तक एक कारीडोर बनाने की जरूरत बताई और कहा कि वे इस दिशा में जरूरी कदम उठाएंगे।

भाजपा से एकतरफा प्‍यार के पीछे क्‍या है चिराग की रणनीति
भाजपा नेताओं के बार-बार एलजेपी के एनडीए से बाहर होने पर स्थिति साफ करने के बावजूद चिराग पासवान बीजेपी से लगातार एकतरफा प्‍यार दिखा रहे हैं। बिहार रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रामविलास पासवान को याद किए जाने के बाद चिराग भावुक हो गए थे। हालांकि पीएम ने भाजपा-एलजीपी सम्‍बन्‍धों को लेकर कुछ नहीं कहा। लेकिन पार्टी को चिराग फैक्‍टर से नुकसान होता देख भाजपा नेताओं ने पुरजोर ढंग से चिराग पर तेजस्‍वी के साथ सांठगांठ का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उधर, चिराग अभी भी भाजपा के पक्ष में बोल रहे हैं। रविवार को उन्‍होंने लोजपा उम्‍मीदवारों के न होने पर भाजपा को वोट देने की बात कहकर एक नई चाल चल दी है।

ऐसे में बार-बार सवाल उठ रहा है कि आखिर चिराग की रणनीति क्‍या है। वह भाजपा से एकतरफा प्‍यार क्‍यों दिखा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे चिराग की बड़ी रणनीति है। चिराग एक साथ कई निशाने साध रहे हैं और चुनाव बाद सरकार बनाने में लोजपा की सम्‍भावित भूमिका को लेकर आधार भी तैयार कर रहे हैं। चिराग, मतदाताओं पर मनोवैज्ञानिक असर डालने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। वह मतदाताओं के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा नेता, नीतीश कुमार के दबाव में ही उनके खिलाफ बोल रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा उनके साथ है। इसके पीछे चिराग की रणनीति है कि भाजपा के प्रति प्‍यार का इजहार कर लोजपा के लिए वोट बटोरे जाएं।

रविवार को उन्‍होंने एक बार फिर दावा किया कि बिहार में चुनाव बाद लोजपा-भाजपा की सरकार बनेगी। इसे भी उनकी रणनीति का हिस्‍सा माना जा रहा है। जानकार बताते हैं कि बिहार में लोजपा का आधार वोट पासवान, करीब पांच फीसदी है। नीतीश के खिलाफ अक्रामक और भाजपा के प्रति नरम रुख अख्तियार कर चिराग संदेश देने की कोशिश कर हैं कि वह चाहते हैं कि जहां उनके उम्‍मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहे वहां भी उनके वोट किसी और के पाले में जाने की बजाए भाजपा को ट्रांसफर हो जाएं। इसे भाजपा नेताओं के उस दावे की काट के तौर पर देखा जा रहा है जिसके तहत वे उन पर तेजस्‍वी से सांठगांठ का आरोप लगा रहे हैं।

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