केंद्र सरकार करेगी कोरोना वैक्सीन की बड़े पैमाने पर खरीद, बिहार में किया है मुफ्त का वादा

बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने के भाजपा के वायदे के बाद अब कई राज्यों पर दबाव बढ़ेगा। स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र से मामूली कीमत पर वैक्सीन लेने के बाद राज्यों को तय करना है कि वह इसे जनता को मुफ्त में देगी या नहीं। वैसे बिजली, पानी, और यहां तक कर्ज तक माफ करने वाली राज्य सरकारों के लिए मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराना बड़ा वित्तीय मुद्दा नहीं है। केंद्र सरकार वैक्सीन की बड़े पैमाने पर खरीद करेगी।

यूं तो राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को 12 तरह की वैक्सीन मुफ्त में दी जाती है और इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। लेकिन कोरोना वैक्सीन के मामले में यह थोड़ा अलग होगा। संभवत: टाइफाइड के टीके की तरह जिसके लिए पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार टाइफाइड का टीका खुद खरीदकर टीकाकरण अभियान के तहत देती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार वैक्सीन की खरीद कर राज्य सरकारों को उपलब्ध कराएगी। इसके बाद राज्य सरकारों को सब कुछ तय करना है। वैक्सीन के मामले में केंद्र सरकार ने एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है, जो खरीद से लेकर लोगों को देने तक की पूरी प्रणाली को चाक-चौबंद करने में जुटा है। इसके अलावा एक्सपर्ट ग्रुप सभी राज्यों में हेल्थकेयर वकर्स, पुलिसकर्मियों और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की पहचान कर उनकी सूची तैयार कर रहा है। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सबसे पहले इन्हीं प्राथमिकता वाले लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जाए। लेकिन वैक्सीन देने का काम पूरी तरह राज्य सरकारों के ऊपर होगा।

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा पत्र से पार्टियां मतदातों को रिझाने में लगी हैं। गुरुवार को पटना में बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते हुए केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में कोरोना वायरस की चार तरह की वैक्‍सीन बनाई गई है। एक बार जब इन वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन शुरू हो जाएगा, तब बिहार में यह लोगों को मुफ्त दी जाएगी। सीतारमण की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर सुमन ने लिखा, अब पता चला कि बिहार में क्या बा। भइया चुनाव का टाइम बा और बिहार में वैक्सीन बा। प्रभात ने लिखा, वाह रे बिहार चुनाव, पहले क्यों नहीं आया। मार्च में ही अगर चुनाव की घोषणा हो जाती तो इतने लोग न मरते। अंशु ने लिखा कि मुझे तो लगा था कि वैक्सीन का मुद्दा मंदिर की तरह चलता रहेगा, मगर ये क्या, बीजेपी ने तो घोषणा ही कर दी।

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