अमेरिकी विदेश विभाग ने दिया वीजा नियमों में बदलाव का प्रस्ताव, भारतीयों पर पड़ सकता है बुरा असर

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक संघीय अधिसूचना में बुधवार को अपने मौजूदा वीजा नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। जइसके तहत विदेशी पेशेवरों, जो एच -1 बी के तहत आते हैं, उन्हें व्यापार के लिए अस्थायी वीजा जारी नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि अगर ट्रम्प सरकार ने इस प्रस्ताव को मान लिया तो सैकड़ों भारतीयों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।

अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगता है तो उन शंकाओं पर पूर्ण विराम लग जाएगा जो बी-1 एच पॉलिसी के तहत विदेशी पेशेवरों को कुशल श्रम के लिए अमेरिका में प्रवेश करने के लिए एक वैकल्पिक अवसर प्रदान करता है। विदेश विभाग ने अमेरिकी कामगारों की रक्षा के लिए कांग्रेस द्वारा स्थापित एच गैर-आप्रवासी वर्गीकरण से संबंधित प्रतिबंध और आवश्यकताएं बताई हैं।

इस कदम से बहुत सारे भारतीय पेशेवरों पर असर पड़ने की संभावना है, जो अमेरिका में साइट पर जाकर काम करते हैं। धिसूचना के अनुसार, विदेश विभाग का अनुमान है कि इस प्रस्ताव से प्रति वर्ष 6,000 से 8,000 विदेशी श्रमिकों पर प्रभाव पड़ सकता है।

17 दिसंबर, 2019 कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल ने इन्फोसिस लिमिटेड के खिलाफ 8 लाख डऑलर के जुर्माने की घोषणा की थी और कहा था कि लगभग 500 इंफोसिस कर्मचारियों ने राज्य में एच-1 बी वीजा की बजाय कंपनी द्वारा प्रायोजित बी-1 वीजा पर काम किया है। विदेश मंत्रालय के इस प्रस्ताव से अमेरिका में विदेशी कार्यबल की संख्या कम हो सकेगी।

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