रेल रोको आंदोलन से पंजाब में बिजली संकट की स्थिति, कैप्टन ने जताई चिंता, उत्पादन करने वाले तीन यूनिट बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के 29 किसानों संगठन रेल रोको आंदोलन को खत्म करने को राजी नहीं हैं। किसान संगठनों ने वीरवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में रेल रोको आंदोलन को जारी रखने का एलान किया है। इससे पंजाब सरकार व लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी। राज्य में इसके कारण बिजली संकट पैदा हो गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पर चिंता जताई हैैै। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि प्रदेश में इस समय कोयले की कमी बड़ी समस्या बन गई है। इस कारण लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के दो और तरनतारन में जीवीके प्लांट का एक यूनिट बंद हो चुका है। पंजाब इस समय बिजली की बड़ी कमी की तरफ बढ़ रहा है।

सीएम ‘कैप्टन को सवाल’ कार्यक्रम के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन मंत्री रेल रोको आंदोलन में ढील देने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैैं। बठिंडा के रहने वाले एक व्यक्ति के सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि पंजाब यूरिया और कोयले की बड़ी कमी का सामना कर रहा है। गोदामों से अनाज को तत्काल उठाने की भी जरूरत है। जिसमें रेल रोको आंदोलन बाधा बना हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे एक सुझाव मिला कि नेशनल ग्रिड से बिजली खरीद लेनी चाहिए, परंतु इसके लिए पैसा कहां है? प्रदेश सरकार किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया करवा रही है और डीजल की कमी का भी सामना कर रही है। हमें इन समस्याओं पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं की ढुलाई के लिए किसानों को रेल रोको आंदोलन में ढील देनी चाहिए।

फिरोजपुर के रहने वाले एक व्यक्ति के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं अपनी सरकार में किसानों और उनके भविष्य को बचाने के लिए सब कुछ करूंगा।’ उन्होंने कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के अलावा प्रदेश सरकार काले कृषि सुधार कानूनों को टक्कर देने के लिए रास्ता ढूंढने के लिए वकीलों के साथ विचार विमर्श कर रही है।

E-Paper