RLD के रोजा इफ्तार से दूर रही बसपा और कांग्रेस

लखनऊ। कैराना उपचुनाव में जीत से उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल का रोजा इफ्तार महागठबंधन की बानगी दिखाने की अधूरी कोशिश भर सिद्ध हुआ। बुधवार को रालोद कार्यालय में आयोजित इफ्तार पार्टी का न्यौता मिलने के बाद भी बहुजन समाज पार्टी ने दूरी बनाए रखी, वहीं प्रदेश कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं ने भी किनारा किया। हाजिरी दर्ज कराने को पूर्व विधायक सिराज मेंहदी, प्रवक्ता जीशान हैदर व सुरेंद्र राजपूत जैसे कांग्रेसी ही नजर आए। 

हालांकि सपा की ओर से सियासी दोस्ती को कायम रखने की गंभीरता जरूर दिखी। समाजवादी पार्टी के अनेक प्रदेशीय नेताओं ने भाग लिया। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन, राजेश यादव, गुलाम मोहम्मद, अरशद खान, जगदेव सिंह व बाबर चौहान समेत अनेक नेता मौजूद रहे। अन्य पार्टियों से सीपीएम के प्रेमनाथ राय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रमेश दीक्षित व राष्ट्रीय जनतादल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह जैसे नेता प्रमुख थे। 

रालोद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण कैराना की नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम थीं। इफ्तार पार्टी से पहले तबस्सुम का स्वागत किया गया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद की अध्यक्षता में आहूत समारोह में महासचिव त्रिलोक त्यागी, युवा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम राजा, वंश नारायण पटेल, राजेंद्र शर्मा, शिवकरन सिंह, योगराज सिंह, अनिल दुबे, शैलेंद्र यादव, डॉ.राजकुमार सांगवान व सोहराब ग्यास ने कैराना उपचुनाव की जीत को राजनीति का नया संदेश बताया। 

गठबंधन को विस्तार देंगे : कैराना जीत में अहम भूमिका निभाने वाले जयंत चौधरी ने दावा किया कि गठबंधन को विस्तार दिया जाएगा। ऐसा प्रदेश की जनता भी चाह रही है। कैराना व नूरपुर के अलावा गोरखपुर व फूलपुर में भाजपा की हार से भी यह संदेश मिला है। 2019 के चुनाव में विपक्षी एकता और मजबूत होगी। सब मिलकर जुमलेबाज व झूठे वादे कर किसानों और नौजवानों को ठगने वालों को उखाड़ देंगे। उन्होंने सीटों के बंटवारे को लेकर कोई गतिरोध पैदा न होने का दावा भी किया। 

अखिलेश का आभार जताने पहुँचे जंयत 

कैराना उपचुनाव में सपा के मिले समर्थन का आभार जताने के लिए रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय पहुंचे। करीब आधा घंटे की मुलाकात में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौधरी चरणसिंह की नीतियों पर गरीबों व किसानों को हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही। भाजपा की समाज तोडऩे वाली नीतियों का खात्मा करने के लिए एकजुटता का आह्वान भी किया। 

तो हजरतगंज होगा गोरखगंज 

रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर चुटकी भी ली। मुगलसराय का नाम बदलने पर तंज करते हुए कहा कि तो मुगलई पराठे का भी नाम बदला जाएगा? हजरतगंज का नाम बदलकर गोरखगंज रखेंगे क्या? उन्होंने कैराना में तबस्सुम की जीत को महिलाओं की विजय से भी जोड़ा। उनका कहना था कि अब संसद में 63 महिला सांसद हो गई हैं।

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