स्कूल Reopen 4 अनलॉक में: विद्यार्थियों को बुलाने के लिए स्कूल तैयार, अभिभावक कर रहे इन्कार

अनलॉक चार के दिशानिर्देश के अनुसार 21 सितंबर से एक बार फिर स्कूल खुलने के लिए तैयार हैं। कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थी पढ़ाई से संबंधी किसी भी समस्या को लेकर अभिभावकों की अनुमति से स्कूल आ सकते हैं, लेकिन कुछ स्कूलों की निगाहें अब भी दिल्ली सरकार के फैसले पर टिकी हैं। सीबीएसई व एमएचआरडी के दिशानिर्देशों के अनुरूप स्कूलों में सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो गया है। डिजिटल थर्मल स्कैनर, ऑटोमटिक वॉटर टैप व पैर वाली सैनिटाइजर मशीन और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए अब एक नए रंग-रूप में स्कूल नजर आएंगे।

दिलशाद गार्डन स्थित हंस राज स्मारक स्कूल की प्रधानाचार्या अंजू सिंह ने बताया कि हम स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं। स्कूल में कंपार्टमेंट व इंप्रूवमेंट वाले बच्चों की परीक्षा भी है। करीब 22 बच्चे हैं जो स्कूल आएंगे तो स्कूल में सैनिटाइजेशन का पूरा प्रबंध है। लेकिन, बच्चों को बुलाने पर अभिभावकों की कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।

वहीं, पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. अमिता मुल्ला वॉतल ने बताया कि बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों को गूगल फॉर्म व सर्कुलर भेज दिए गए हैं। दो बैच में डेढ़ -डेढ़ घंटे के लिए स्कूल खोला जाएगा। बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा पर बच्चों को भेजने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। अभी तक 200 में से केवल 17 अभिभावकों ने ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हामी भरी है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा ने बताया कि कमेटी ने एक एसओपी तैयार की है जो सभी स्कूलों को भेजी जा चुकी है। जिसमें स्कूल कैसे खुलेंगे, क्या सावधानियां बरती जानी हैं, यह सब बातें शामिल हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके साथ-साथ दिल्ली सरकार और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जो एसओपी दी गई है उनका पालन भी किया जाएगा। हर कक्षा में 12 से 14 बच्चे ही रहेंगे, प्रवेश व निकास भी अलग अलग द्वार से होगा व मेडिकल आदि सभी सुविधाएं दी जाएंगी।

प्रतिक्रिया

हम फिर से खोलने के लिए तैयार हैं। सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। स्कूल में उचित शारीरिक दूरी के पालन के साथ एक समय में कक्षा के अंदर केवल 15 विद्यार्थियों को ही बैठने की अनुमति होगी। स्कूल में सभी स्थानों पर ऑटोमेटिक वाटर टैप और सैनिटाइजर डिस्पेंसर भी लगाए हैं।

अल्का कपूर, प्रधानाचार्या, मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग

बच्चों को बुलाने की हमारी तैयारी पूरी है, स्कूल का ऊपर का एक फ्लोर सैनिटाइज कर दिया है। हम एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे जिस पर बच्चे बताएंगे कि उन्हें किस विषय में दिक्कत आ रही है, पर अभिभावओं की अनुमति से ही बच्चों को बुलाएंगे। एक कक्षा में आठ बच्चे बैठेंगे। डिजिटल थर्मामीटर व सैनिटाइजर की पैर वाली मशीन भी रख ली है।

स्वपना नायर, प्रधानाचार्या, अर्वाचीन इंटरनेशन स्कूल, दिलशाद गार्डन।

मेरा बेटा द्वारका सेक्टर तीन के केंद्रीय विद्यालय में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। उसके स्कूल से एक गूगल फॉर्म आया है जिस पर लिखा है अभिभावक अपनी जिम्मेदारी पर बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं। पर कोरोना के कारण हम उसे स्कूल भेजने की अनुमति नहीं देंगे।

दीप्ति भल्ला, अभिभावक उत्तम नगर।

हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। एक बच्चे को भी अगर कोरोना होगा तो वह सभी बच्चों तक फैल जाएगा। हम बच्चों को कहां तक देखेंगे। स्कूल में कई बच्चे होंगे ऐसे में हमें अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर लग रहा है।

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