तिहाड़ जेल की दीवार पर बनी है देश की सबसे बड़ी म्यूरल पेंटिंग,लोग देखकर हुआ आकर्षित

सुबह लिखती हूं, शाम लिखती हूं, इस चारदीवारी में बैठी जब से, बस तेरा नाम लिखती हूं, इन फासलों में जो गम की जुदाई है, उसी को हर बार लिखती हूं…।  तिहाड़ जेल की चारदीवारी पर लिखी ये पंक्तियां अनायास जेल के किनारे से गुजरने वाली सड़क पर राहगीरों का ध्यान खींच लेती हैं। खास बात यह है कि इन पंक्तियों की रचयिता कोई और नहीं बल्कि चारदीवारी के उस पार तिहाड़ के महिला जेल में बंदी का जीवन गुजार रही महिलाएं हैं।

महिला कैदियों द्वारा रचित कविताओं की पंक्तियों को यहां म्यूरल पेंटिंग (दीवारों पर उकेरे गए चित्र) के माध्यम से व्यक्त किया गया है। करीब दो किलोमीटर लंबी दीवार पर बनी यह म्यूरल देश की सबसे बड़ी म्यूरल पेंटिंग मानी जाती है। महिला कैदियों द्वारा रचित कविताओं की पंक्तियों को रंग-बिरंगे शब्दों में उकेरा गया है। इन कविताओं में महिला कैदियों ने अपने प्रेम संबंधी भावों को बखूबी व्यक्त किया है।

 तिनका-तिनका तिहाड़ पुस्तक में लिखी है ये कविता

म्यूरल की शुरुआत तिनका-तिनका तिहाड़ पुस्तक में लिखी गई एक कविता से होती है। इस कविता में एक महिला कैदी ने विरह और प्रेम को व्यक्त किया है। बता दें कि तिहाड़ जेल संख्या-छह महिला कैदियों की जेल है। इनमें विचाराधीन व दोषी करार दोनों ही तरह की महिला कैदी शामिल हैं। यहां कई महिला कैदी ऐसी भी हैं जिनके पति तिहाड़ के अन्य जेलों में बंद हैं। यहां कई महिलाएं खाली समय में अपने पति को याद करती हुई अपनी भाव को शब्दों में पिरोती रहती हैं। तिनका-तिनका तिहाड़ में ऐसी ही महिला कैदियों द्वारा लिखी गई कविताओं का संग्रह है।

दूर-दूर से लोग आते हैं देखने

इस म्यूरल को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। कई लोग यहां आकर दीवार के सामने खड़े होकर सेल्फी लेते हैं। खासकर वैलेंटाइन वीक के दौरान तिहाड़ जेल परिसर के आसपास स्थित शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों का यहां खूब आना होता है। युवाओं का कहना है कि इस दीवार पर लिखे शब्द प्रेम का संदेश देते हैं। यहां दीवारों पर उकेरी पंक्तियों में उम्मीद की किरण का वास है। यह इस बात का संदेश है कि आप जेल के भीतर भी अपनी रचनात्मक प्रतिभा को निखार सकते हैं। सकारात्मक कार्य की ओर बढ़ सकते हैं। ये पंक्तियां इस बात का संदेश है कि आप वर्तमान में भले ही चारदीवारी में कैद हैं, लेकिन उस चारदीवारी में भी आपकी प्रतिभा, आपके सपनों को, आपकी चाहत को मरने नहीं देती। आप वहां भी अच्छे कार्य कर सकते हैं।

दीवार का भीतरी हिस्सा भी काफी कुछ कहता है

तिहाड़ जेल के बाहरी हिस्से में बाहर से नजर आने वाली दीवार जहां कैदियों के भावनाओं को व्यक्त करती नजर आती हैं, वहीं चारदीवारी के उसपार यानि कैदियों को नजर आने वाली दीवार के हिस्से भी काफी कुछ बोलते हैं। यहां प्रशासन ने महापुरुषों द्वारा कही गई बातों को रंग बिरंगे शब्दों में उकेरा है। प्रशासन ऐसा मानती हैं कि महापुरुषों के संदेशों को पढ़कर, देखकर कैदी काफी कुछ सीख सकते हैं। अंदर महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा बुद्ध द्वारा कही गई बातों को जगह जगह लिखा गया है। कैदी इन बातों को बड़े ध्यान से देखते हैं।

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