पब्‍जी खेलने के लिए नहीं था माेबाइल तो रची खुद के अपहरण की साजिश, मां को कॉल कर मांगे 3 लाख

नाबालिग लड़के ने खुद के अपहरण का नाटक किया और मां को कॉल कर पांच लाख रुपयों की फिरौती मांगी। पटना के केंद्रीय विद्यालय में 10वीं के इस छात्र की करतूत जान कर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि ऐसा भी हो सकता है। पुलिस ने जांच में उसे पकड़कर पूछताछ की तो घटना का राज खुल गया। पता चला कि पब्‍जी गेम खेलने के लिए उसके पास अच्‍छा मोबाइल नहीं था, इसलिए मोबइल खरीदने के लिए खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी। मोबाइल खरीदने के बाद बचे रुपयों सेवह क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन लेता।

मां के कर्ज लिए रुपये हड़पने के लिए अपहरण का किया नाटक

खुद के अपहरण का नाटक करने वाले पकड़े गए छात्र गौरव ने पुलिस को बताया कि वह पब्जी गेम खेलता है और इस दौरान उसकी कई लोगों से दोस्ती हो गई। गेम के लिए ऑनलाइन 31 हजार का मोबाइल ऑर्डर किया था, लेकिन उसके पास रुपये नहीं थे। उसे पता चला कि मां ने 3.50 लाख के लोन के लिए आवेदन दिया था और पैसे खाते में आ गए हैं। रुपया हड़पने के लिए गौरव ने खुद के अपहरण का नाटक किया।

मोबाइल खरीदने व क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन का था प्‍लान

फिर, उसने पूर्णिया के एक लॉज में छिपकर अपने ही मोबाइल से मां को कॉल कर पांच लाख की फिरौती मांगी। उसने पुलिस को बताया कि पांच लाख मांगने पर तीन लाख तो मिल ही जाते, जिससे वह मोबाइल खरीदता और बाद में क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन लेता। उसने बताया कि उसके साथ कोई और नहीं था और फिरौती भी उसी ने मांगी थी।

अपहरण के नाटक के पहले पुलिस से बचने को किया रिसर्च

लड़के ने अपहरण के नाटक के पहले पुलिस से बचने के लिए पूरा रिसर्च किया था। यू-ट्यूब के माध्यम से उसने पता किया था कि वाट्सऐप कॉल करने पर पुलिस लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तकनीकी जांच करके पुलिस उस तक पहुंच गई।

अपहरण की खबरों की जानकारी के लिए पढ़ता था अखबार

पुलिस की मानें तो उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। गौरव दो भाइयों में बड़ा है। उसने पुलिस को बताया कि अपहरण से जुड़ी खबरों की जानकारी के लिए वह अखबार पढ़ता था और इंटरनेट का भी इस्तेमाल करता था। पब्जी खेलने के दौरान दूसरे राज्य के लड़के भी उसके दोस्त बन गए थे। घर में बड़ा होने के कारण उसकी मां ने एटीएम भी उसे दे रखा था, लेकिन उस खाते में रुपये नहीं थे। जब वह घर से निकला था तब उसके पास 1500 रुपये थे।

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