पंजाब में शिक्षकों को मिले अजीबो-गरीब आदेश, NRIs को लाना होगा क्वारंटाइन सेंटर

पंजाब में शिक्षकों को अजीबो-गरीब आदेश जारी करने का सिलसिला जारी है। अब शिक्षकों को आदेश दिया गया है कि वे विदेश से आने वाले एनआरआइज को एयरपोर्ट से काेरोना क्‍वारंटाइन सेंटर पहुंचाएंगे। इससे पहले एक बार शिक्षकाें को रात में अवैध रेत खनन पर निगरानी रखने का आदेश दिया गया था। गैर शैक्षिक कार्य न लेने के शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद उनकी ड्यूटी अलग-अलग कार्यों में लगाई जाती है।

ग्रेटर लुधियाना डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जारी किए आदेश, 25 अध्यापकों की लगाई ड्यूटी

ग्रेटर लुधियाना डेवलपमेंट अथॉरिटी ने गत दिवस आदेश जारी करके 25 अध्यापकों की ड्यूटी एनआरआइज को एयरपोर्ट से क्वारंटाइन सेंटर तक लाने की लगाई। इसमें यह भी कहा गया कि ऐसा न करने वाले अध्यापकों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि ग्लाडा को ऐसा आदेश देने की पावर नहीं है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि ग्लाडा को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं

पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने ग्लाडा के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जब शिक्षा का अधिकार कानून में साफ तौर पर कहा गया है कि शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य नहीं लेना है तो फिर क्यों शिक्षकों को ऐसे कामों पर लगाया जा रहा है? क्या सरकार के पास कोविड से निपटने के लिए मैन पावर की कमी है। एक ओर सरकार अपने कामों का गुणगान करने के लिए सात करोड़ खर्च करके प्राइवेट एजेंसियों को हायर कर रही है, वहीं दूसरी ओर एनआरआइज को एयरपोर्ट से लेकर क्वारंटाइन सेंटर तक लाने के लिए प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों की ड्यूटी लगाकर ब’चों की जान को खतरे में डाल रही है।

पहले डिस्टलरी, फिर रेत खनन की निगरानी के लिए लगाई गई ड्यूटी का हुआ था विरोध

डॉ. चीमा ने कहा कि कल को अगर स्कूल खुल जाएं तो इन अध्यापकों को ब’चों को पढ़ाने की ड्यूटी लग जाएगी। मुझे लगता है कि सरकार कोविड से लडऩे में पूरी तरह दुविधा में है। हर रोज नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं। डॉ चीमा ने कहा कि पंजाब में एक्स सर्विस मैन हैं, जो पूरी तरह से ट्रेंड हैं। उन्हें इन कामों पर लगाया जा सकता है।

बता दें कि इससे पहले अध्यापकों को डिस्टलरीज में से निकलने वाले ट्रकों पर निगरानी और अवैध रेत खनन को रोकने के काम पर लगा दिया गया था, जिसका काफी विरोध हुआ था। अंतत: यह फैसला वापस लेना पड़ा था। हालांकि इस तरह के फैसले राज्य स्तर पर नहीं लिए जा रहे हैं, बल्कि उपमंडल या जिला स्तर पर ही लिए जा रहे हैं। मसलन, एनआरआइज को लाने के आदेश ग्लाडा ने दिए हैं तो अवैध रेत खनन की निगरानी करने की ड्यूटी फगवाड़ा के उपमंडल अधिकारी ने लगाई थी।

केवल जिला उपायुक्त के पास है पावर : शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने कहा है ग्लाडा का मुख्य प्रशासक अध्यापकों की ड्यूटी कैसे लगा सकता है? यह पावर उनके पास नहीं है। केवल जिला उपायुक्त ही ऐसा कर सकते हैं। मैं इस बारे में पता करके ही कुछ बता सकूंगा।

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