छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध शिवालयों पर इस बार सावन के सोमवार को नहीं कर सकेंगे जल अर्पण

कल से शुरू हो रहे सावन महीने में इस बार कोरोना महामारी के चलते छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शिवालयों में कहीं भी भक्तों को जलाभिषेक करने का सौभाग्य नहीं मिल पाएगा। सावन सोमवार पर भक्तगण अपने घर पर ही छोटे से शिवलिंग पर जल अर्पण करने की परंपरा निभाएंगे। कई भक्तों ने फैसला किया है कि वे मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा-अर्चना करेंगे, वहीं कई भक्त शनिवार को बाजार में छोटा शिवलिंग खरीदते नजर आए। पूरे सावन माह में घर के पूजा घर में शिवलिंग रखकर जलाभिषेक करेंगे।

हटकेश्वर महादेव में 10 फीट दूर से दर्शन

राजधानी के प्रसिद्ध हटकेश्वर महादेव मंदिर में मास्क पहने बिना किसी भी भक्त को मुख्य द्वार के भीतर प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। बुखार मापकर, सैनिटाइज करने के बाद प्रवेश मिलेगा। गर्भगृह में 10 फीट दूर से ही शिवलिंग का दर्शन किया जा सकेगा।

राजिम में पूजन पर रोक

छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले त्रिवेणी संगम पर स्थित प्रसिद्ध कुलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक और गर्भगृह में होने वाले पूजन अनुष्ठान पर रोक लगा दी गई है। गर्भगृह के बाहर से ही भक्त पूजन विधान कर सकेंगे। कांवड़ियों की भीड़ और जलाभिषेक के लिए लगने वाली कतार भी नहीं दिखेगी। सावन सोमवार को सामूहिक भंडारा या भोग प्रसादी का वितरण भी नहीं होगा।

सिरपुर में नहीं लगेगा मेला

महासमुंद से 40 किमी दूर ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में गंधेश्वरनाथ महादेव का प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग में श्रावणी मेला स्थगित कर दिया गया है। मंदिर में पुरोहित और दस यजमान ही रहेंगे। कांवड़ियों के लिए किसी भी प्रकार से भोजन, पंडाल की व्यवस्था नहीं की गई है। कांवर लेकर नहीं आने का निर्देश दिया गया है।

भूतेश्वर महादेव में नहीं जुटेगी भीड़

गरियाबंद से तीन किमी दूर प्रसिद्ध भूतेश्वर महादेव मंदिर में स्वयंभू विशाल शिवलिंग का भी दर्शन दूर से ही किया जा सकेगा। भीड़ जुटने नहीं दी जाएगी। इसके लिए रविवार को कलेक्टर छतरसिंह डहरे के साथ होने वाली मंदिर समिति की बैठक में नियम तय किए जाएंगे।

भोरमदेव पदयात्रा स्थगित

कवर्धा से 18 किमी दूर छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव मंदिर में इस साल पदयात्रा स्थगित रहेगी। हर साल कवर्धा के बूढ़ा महादेव मंदिर से भोरमेदव मंदिर तक पदयात्रा निकाली जाती है और इसमें कलेक्टर, सीईओ, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, महिला भक्तों से लेकर युवाओं और पुलिस जवान तक शामिल होते हैं। दर्शन के लिए भक्तगण लंबी कतार भी नहीं लगा पाएंगे।

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