आइये जानते है आखिर कैसे एक एलिवेटिड रोड बदलेगा दिल्ली-NCR-यूपी के लोगों का हवाई सफर

गौतमबुद्धनगर में बनने वाले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली एयरपोर्ट से जोड़ने पर केंद्र सरकार की सहमति मिलने के बाद इस पर तेजी से काम शुरू होने के कयास लगने लगे हैं। प्रदेश सरकार ने जेवर एयर पोर्ट को दिल्ली के पालम स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए एलिवेटेज रोड बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिस पर केंद्र भी सहमत है। एक अध्ययन में सामने आया है कि एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं के संचालन के साथ ही 50 लाख यात्री सालाना मिल सकते हैं, इसलिए जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को लेकर विशेष जोर है। आइये जानते हैं कि इस एलिवेटेड रोड बनने से क्या-्क्या लाभ होगा।

 

  • दोनों के आपस में जुड़ने से यात्री बहुत कम समय में एक से दूसरे एयरपोर्ट पर आ जा सकेंगे।
  • जेवर एयरपोर्ट को सबसे अधिक यात्री दिल्ली-एनसीआर से मिलने का अनुमान है।
  • इस एलिवेटेड रोड को मेट्रो और सड़क से जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकेंगे।
  • लखनऊ से हवाई यात्रा के जरिये दिल्ली आने वालों को आसानी होगी। जाहिर है जेवर का हवाई अड्डा दिल्ली के भारी ट्रैफिक से मुक्ति दिला देगा। दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए भारी ट्रैफिक से गुजरना होता है। जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने से दो घंटे की बचत होगी।
  • सब कुछ ठीक रहा तो जेवर एयरपोर्ट से 2023 से हवाई सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा।
  • इस बाबत आइजीआइ से कुछ उड़ानें जेवर एयरपोर्ट से संचालित हो सकती हैं, इसलिए दोनों एयरपोर्ट के बीच यात्रियों की आवाजाही बढ़ेगी।
  • जेवर एयरपोर्ट के बनने से 150 किलोमीटर के दायरे में बसे 10 शहरों को सीधा फायदा मिलेगा।
  • ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, आगरा, बरेली और अलीगढ़ तक के लोगों के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के अलावा एक विकल्प साबित होगा।

दोनों एयरपोर्ट की बीच बढ़ेगी आवाजाही

भविष्य में बिना किसी बाधा के जेवर एयरपोर्ट व दिल्ली के आइजीआइ के बीच यात्री कम से कम समय पर आवाजाही कर सकें। इसके लिए दोनों एयरपोर्ट को सीधे जोड़ने की योजना है। प्रदेश सरकार द्वारा दोनों एयरपोर्ट को एलिवेटेड रोड से जोड़ने का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था, अब इस पर रजामंदी मिल चुकी है।

दिल्ली-एनसीआर और वेस्ट यूपी से भी जुड़ेगा जेवर एयरपोर्ट

जेवर एयरपोर्ट का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके, इसके लिए भी तैयारी चल रही है। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों को जोड़ने के लिए मॉल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट का अध्ययन चल रहा है। इसके तहत सड़क मार्ग के साथ-साथ रेपिड ट्रेन समेत विभिन्न माध्यमों से कनेक्टिविटी शामिल है।

यह भी जानें

  • जेवर एयर पोर्ट बनने के बाद दिल्ली से सबसे अधिक यात्री मिलने का अनुमान है, इसलिए प्रस्तावित एलिवेटेड रोड बड़ा लाभदायक साबित होगा।
  • एलिवेटेड रोड बनने से पश्चिम उत्तर प्रदेश कई जिलों के साथ उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा से भी काफी संख्या में जेवर एयरपोर्ट को यात्री मिलेंगे।

यमुना पर बनाए जाएंगे 2 पुल
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर के अन्य शहरों से जोड़ने के लिए नोएडा सेक्टर 150 व 168 में यमुना नदी पर 2 नए पुल का निर्माण भविष्य में किया जाना है। इन दोनों पुल के निर्माण में लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इन दोनों के पुल के बनने से हरियाणा से एयरपोर्ट की दूरी सिर्फ 15 मिनट के भीतर सिमट जाएगी। जाम से भी छुटकारा मिलेगा, क्योंकि हरियाणा से जेवर एयरपोर्ट आने वाले ट्रैफिक को बाहर-बाहर ही लाया जाएगा।

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