धोनी ने कहा ‘टेंशन दो लो नहीं’ का फंडा अपना कर जीता था, 2007 में टी20 का वर्ल्ड कप

एम एस धौनी की कप्तानी में जब टीम इंडिया साल 2007 में टी20 वर्ल्ड चैंपियन पहली बार बनी थी तब टीम के मैनेजर लालचंद राजपूत थे। राजपूत ने इस टीम को काफी करीब से देखा था और धौनी की कप्तानी की कला को भी। अब उन्होंने बताया कि आखिरकार वो कौन सी बात थी जिसके साथ माही ने अपनी कप्तानी में पहली बार में ही टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया था। राजपूत के मुताबिक इस अहम टूर्नामेंट के दौरान धौनी ने जो फंडा अपनाया था वो ये कि टेंशन दो, लो मत।

राजपूत ने बताया कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप में एम एस धौनी साउथ अफ्रीका में काफी रिलैक्स थे। उन्होंने बताया कि वो किस तरह से अपनी टीम के खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ निकालने में सफल हो पाए। धौनी का मूलमंत्र था, टेंशन लो मत, सिर्फ दो। राजपूत ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि किसी भी टीम के रूप में ड्रेसिंग रूप का माहौल अच्छा होना चाहिए जहां पर खिलाड़ी को किसी भी तरह का दवाब महसूस ना हो और वो प्रेरित हों। वर्ल्ड कप में हमारी थीम थी- टेशन लो मत, टेंशन दो।

लालचंद राजपूत ने कहा कि उस वर्ल्ड कप में धौनी ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों से कहा था कि आप ये मत सोचों की लोग आपके बारे में क्या कहते हैं, आप सिर्फ अपनी ताकत पर भरोसा रखें। राहुल द्रविड़ की कप्तानी के बाद धौनी को टीम की कमान दी गई थी और उन्होंने कमाल कर दिखाया। उन्होंने कहा कि धौनी में ये आदत थी कि अगर वो किसी खिलाड़ी में थोड़ी सी भी क्षमता देखते थे तो उसे मौका देते थे। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों की मानसिकता को बदल दिया और इसके साथ ही आगे बढ़े।

आपको बता दें कि 2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया युवा खिलाड़ियों के साथ खेलने गई थी। टीम सचिन, गांगुली, द्रविड़ जैसे बल्लेबाजों के बिना ही मैदान पर उतरी थी। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को रोमांचक तरीके से 5 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था।

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