1 फरवरी को जेटली प्रस्तुत करेंगे मोदी सरकार का अंतिम बजट, मिल सकती है ये छूट

नई दिल्ली. भारत सरकार के आम बजट में मिडिल क्लास को बड़ी रियायतें मिल सकती हैं। इनमें इनकम-टैक्स छूट की सीमा बढ़ाना, टैक्स रेट में कटौती, टैक्स-स्लैब में बदलाव और स्टैंडर्ड-डिडक्शन वाली व्यवस्था फिर से लागू करना शामिल हैं। इनकम-टैक्स की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है। वर्ष 2014-15 के बजट में इसे 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया गया था।

सूत्रों की मानें तो, वित्त-मंत्रालय इस प्रपोजल पर विचार कर रहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली वर्ष 2018-19 का बजट 1 फरवरी को पेश करेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में आम चुनाव से पहले एनडीए सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट होगा।

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बिजनेस-चैंबरों ने भी वित्त-मंत्रालय के साथ हुई बजट पूर्व चर्चा में इनकम-टैक्स का मुद्दा उठाया था। CII ने कहा था कि महंगाई को देखते हुये इनकम-टैक्स में छूट और स्लैब, दोनों बढ़ाना चाहिये। चैंबर अधिकतम टैक्स रेट भी 25% करने के पक्ष में है।

हालांकि लगातार सरकार का घाटा बढ़ने के कारण इसपर फैसला मुमकिन नहीं लग रहा है। उधर फिक्की की भी सिफारिश है कि 30% टैक्स 20 लाख से ज्यादा की आमदनी पर ही लगना चाहिए।

वित्त मंत्रालय भारत सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन के सिस्टम को दोबारा लागू करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा है।

बतादें कि यह सुविधा वेतन-भोगियों के लिये थी, जिसे 2006-07 में खत्म कर दिया गया था।

यह इनकम-टैक्स छूट के अतिरिक्त होता है। इसमें एक लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।

वर्तमान में ये है टैक्स-स्लैब

*2.5 से 5 लाख पर टैक्स 5%

*5 से 10 लाख पर 20%

*10 लाख से अधिक पर 30%

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, “बीजेपी बदल चुकी है। मैंने 13 महीने पहले प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था, आज तक नहीं मिला। 7 बार बजट पेश करने के अनुभव से मैं कह सकता हूँ कि टैक्स-सिस्टम से छेड़छाड़ भारी पड़ रही है। अब कुछ करने का समय निकल गया।”

वहीँ फिक्की की सिफारिश है कि 30 फीसदी टैक्स 20 लाख से अधिक की आमदनी पर ही लगना चाहिये। यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार को टैक्स सिस्टम से छेड़छाड़ भारी पड़ गई। अब इसपर कुछ भी करने का वक्त निकल गया।

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