आवास की कीमत उम्‍मीद से बहुत ज्‍यादा होने से पत्रकारों ने आवास लेने में जताई अनिच्‍छा

राप्तीनगर विस्तार आवासीय योजना के तहत मानबेला में निर्माणाधीन पत्रकारपुरम के लिए लोग पंजीकरण कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। पंजीकरण की आखिरी तिथि 30 मई है और गुरुवार तक मात्र 70 लोगों ने ही पंजीकरण धनराशि जमा की है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) अब सभी को आवेदन का मौका देने की तैयारी कर रहा है। दूसरी तरफ महंगा होने के कारण पत्रकारों ने आवास लेने में अनिच्‍छा जताई है।

जीडीए की ओर से पत्रकार, अधिवक्ता, शिक्षक व डॉक्टरों के लिए लांच की गई योजना पत्रकारपुरम के लिए पंजीकरण खोला है। विज्ञापन के बाद 480 फ्लैट के लिए करीब 520 लोगों ने 10 हजार रुपये देकर डिमांड सर्वे के तहत पंजीकरण कराया था। पहले चरण में इन्हीं को सेमीफर्निश्ड फ्लैट के मूल्य का 10 फीसद देकर पंजीकरण कराना था। पर, 28 मई की दोपहर तक सिर्फ 70 लोगों ने ही पंजीकरण कराया है। चर्चा है कि आनलाइन धनराशि जमा करने में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विज्ञापन में दी गई कीमत में हुआ संशोधन

इस योजना के तहत विज्ञापन में फ्लैट की जो कीमत दी गई थी, बाद में उसमें संशोधन कर दिया गया है। विज्ञापन के अनुसार करीब 15.50 लाख रुपये इसकी कीमत थी लेकिन अब प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल के लिए 18.31 लाख रुपये व भूतल के लिए 20.54 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। यह सेमीफर्निश्ड फ्लैट की कीमत है। इसके बाद जीएसटी, फ्री होल्ड चार्ज अलग से देना होगा। कीमत बढऩे के बाद कई लोग पंजीकरण कराने से पीछे हट गए।

आवदेन कम आने पर सामान्‍य लोगों को मिलेगा मौका

इस संबंध में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि पंजीकरण के लिए 30 मई तक की तिथि निर्धारित है। यदि आवेदन कम आते हैं तो सामान्य वर्ग के लोगों को भी आवेदन का मौका दिया जा सकता है।

महंगा होने के कारण पत्रकार अनिच्‍छुक

बताते चलें कि पत्रकारपुरम में पत्रकारों के लिए ही आवास की व्‍यवस्‍था की गई थी। पत्रकारों को लगा कि उन्‍हें रियायत दर पर आवास उपलब्‍ध हो सकेगा। इसके लिए मुख्‍यमंत्री को एक सूची सौंपी गई थी। सूची में उन पत्रकारों के नाम शामिल थे, जिन्‍हें आवास की जररूत थी। अब चूंकि आवास की कीमत उम्‍मीद से बहुत ज्‍यादा  है, ऐसे में पत्रकार आवास लेने के अनिच्‍छुक हो गए हैं।

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