कोरोना वायरस के चपेट में आने वाले लोगों की सर्जरी के बाद बढ़ सकता है मौत का खतरा, अध्ययन में खुलासा

कोरोना वायरस (COVID-19) के चपेट में आने वाले लोगों की सर्जरी के बाद मौत का खतरा बढ़ सकता है। द लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च के वैज्ञानिकों द्वार यह शोध किया गया है। वैज्ञानिकों ने 24 देशों के 235 अस्पतालों से 1,128 मरीजों पर शोध किया है। शोध के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों में जिन लोगों की सर्जरी हो रही है, उनमें मृत्युदर ज्यादा है।

शोध के अनुसार 30 दिन में मृत्युदर 24 फीसद थी। शोधकर्ताओं के अनुसार इलेक्टिव सर्जरी में मृत्युदर 18.9 प्रतिशत और इमरजेंसी सर्जरी में मृत्युदर 25.6 प्रतिशत थी। जो लोग मामूली सर्जरी से गुजरते थे, जैसे कि एपेंडिसियोटॉमी या हर्निया की सर्जरी में मृत्यु दर 16.3 प्रतिशत और हिप सर्जरी जैसी बड़ी सर्जरी या कोलन कैंसर के लिए भी मृत्यु दर 26.9 प्रतिशत थी।

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मृत्युदर ज्यादा

शोध के अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मृत्युदर ज्यादा है। वहीं 70 साल से ज्यादा के आयुवर्ग में मृत्युदर ज्यादा है। शोध के सहलेखक अनिल भागनू के अनुसार शोध से पहले अनुमान था कि छोटी और चुनिंदा सर्जरी करने वालों में मृत्युदर एक फीसद से कम होगी, लेकिन अब पता चला कि छोटी सर्जरी में ये दर 16.3 फीसद और वैकल्पिक सर्जरी में 18.9 फीसद हो सकती है।

कोरोना महामारी के कारण आई रुकावट के बाद 2.84 करोड़ वैकल्पिक सर्जरी रद

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार अनिल भागनू ने बताया कि उनका मानना है कि महामारी से पहले ज्यादा जोखिम में रहने वाले मरीजों से भी ये मृत्युदर ज्यादा है। शोध के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के कारण आई रुकावट के बाद 2.84 करोड़ वैकल्पिक सर्जरी रद हो गए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार सर्जरी के दौरान रोगी की सुरक्षा को प्राथमिकता सुनिश्चित करने वाले उपायों की तत्काल आवश्यकता है। सरकारों और स्वास्थ्य प्रदाताओं को इसे लेकर कदम उठाना चाहिए।

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