इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बिना परीक्षा प्रमोट किये जाने पर आपस में भिड़े छात्र संगठन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बगैर परीक्षा प्रमोट किये जाने की मांग को लेकर अब छात्र संगठन में आपस में ही मनमुटाव नजर आने लगा है। जहां एक ओर समाजवादी छात्रसभा और एनएसयूआइ परीक्षा न कराने की मांग कर रहा है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) परीक्षा कराने की मांग कर रहा है। इससे छात्र संगठनों में तकरार की स्थिति है।

एबीवीपी की ऑनलाइन बैठक में जताया गया विरोध

एबीवीपी के इलाहाबाद विश्वविद्यालय विभाग की कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से सभी ने बगैर परीक्षा छात्रों प्रमोट करने की मांग का विरोध किया गया। एक स्वर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने कहा कि अगली कक्षा में जाने के लिए छात्रों को परीक्षा देनी ही चाहिए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विभाग संयोजक परीक्षा कराने के पक्ष में

इविवि के विभाग संयोजक अतेंद्र सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं केवल पास व फेल होने के लिए ही नहीं आयोजित की जातीं। परीक्षाएं वह माध्यम हैं, जिससे विद्यार्थी अपनी गलतियों व अपने अंदर की कमी को पहचानने के साथ उसके शैक्षणिक गतिविधियों के मूल्यांकन कर सके। परीक्षा के द्वारा ही उसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने इविवि के परीक्षा नियंत्रक से बात कर मांग की इविवि की परीक्षाएं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के निर्धारित समय पर ही कराई जाए।

इविवि के विभाग सहसंयोजक बोले, छात्र संगठन राजनीति कर रहे

इविवि के विभाग सहसंयोजक वीरेंद्र सिंह चौहान व श्रीकांत पांडेय ने कहा अन्य छात्र संगठन केवल राजनीति कर रहे हैं। इकाई मंत्री आलोक त्रिपाठी ने कहा कि परिषद ने हमेशा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संघर्ष किया है। इस दौरान रुद्र पांडेय, सूरज तिवारी, नवीन मिश्र सचेन्द्र, अनिकेत, अर्पित, आजाद मिश्र, अभिषेक सिंह आदि उपस्थित रहे।

परीक्षा नियंत्रक कह चुके हैं कि परीक्षा में पास होने पर ही अगली कक्षा में प्रवेश

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रामेंद्र कुमार सिंह कह चुके हैं कि वार्षिक-सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा। इसके बाद ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश मिल सकेगा। इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रामेंद्र सिंह इविंग क्रिश्चियन कॉलेज (ईसीसी) के भौतिक विभाग की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में यह बात स्‍पष्‍ट की थी।

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