होली मनाने मार्च के महीने बिहार और उत्‍तर प्रदेश गए श्रमिक अब पंजाब लौटने को तैयार….

श्रमिकों की किल्लत झेल रही पंजाब की इंडस्ट्री के लिए राहत की खबर है। मार्च में होली मनाने अपने गृह राज्यों गए श्रमिक अब वापसी के लिए संपर्क साधने लगे हैं। उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक अब इंडस्ट्री संचालकों से संपर्क साध कर जालंधर तक पहुंचने की व्यवस्था करवाने की बात कर रहे हैं। लुधियाना में भी काम करने वाले कुछ श्रमिकों ने भी उद्यमियों से संपर्क साधा है। उल्लेखनीय है कि इंडस्ट्री को भी इस समय श्रमिकों की काफी जरूरत है क्योंकि ज्यादातर इंडस्ट्री में उत्पादन शुरू हो चुका है।

उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक वापसी की व्यवस्था के लिए उद्योगपतियों से कर रहे अनुराेध

होली 10 मार्च को थी। जो श्रमिक होली मनाने के लिए गांव गए थे उनका माह के अंत तक लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन इसी बीच कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। श्रमिक वहीं फंस गए। अब श्रमिक अपने इंडस्ट्री संचालकों को टिकट की व्यवस्था कराने के साथ ही बैैंक खाते में पैसे डालने को कह रहे हैैं ताकि लौट सकें। इंडस्ट्री संचालक श्रमिकों के लिए ट्रेन टिकट की व्यवस्था करवाने की कोशिश कर रहे हैैं।

 

पंजाब की इंडस्ट्री के लिए राहत की खबर, इस समय श्रमिकों की काफी जरूरत

दूसरी तरफ उद्योग विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीज) की तरफ से जिला कार्यालयों को यह आदेश जारी किए गए हैं कि जो श्रमिक बाहरी राज्यों से पंजाब लौटने के इच्छुक हैं, उनकी जानकारी जुटाई जाए। अधिकतर श्रमिक किस राज्य व शहर के हैं, कितनी ट्रेनों की व्यवस्था जरूरी है, इसकी जानकारी दी जाए। जालंधर नार्थ के विधायक बावा हेनरी भी सरकार से श्रमिकों की पंजाब वापसी के लिए एक पोर्टल बनाए जाने की मांग कर चुके हैं, ताकि पंजाब लौटने के इच्छुक श्रमिक वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकें।

श्रमिकों के लौटने से मिलेगी राहत : सग्गू

जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीज के निर्देशों के बारे में पता चला है। यह सरकार का अच्छा कदम है। इंडस्ट्री को इस समय श्रमिकों की बहुत जरूरत है। होली पर 20 फीसद के लगभग श्रमिक छुट्टी लेकर जाते हैं। अगर वे लौट आते हैैं तो इंडस्ट्री को काफी राहत मिल सकती है।

श्रमिकों का मन बदला, अब गांव नहीं काम पर जाएंगे

इंडस्ट्री में उत्पादन शुरू होने और बाजार इत्यादि खुलने से अब श्रमिकों को रोजगार मिलने लगा है। जिन श्रमिकों ने अपने गृह राज्य जाने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करवाया था अब उनका भी मन बदलने लगा है। अब वे अपने गांव नहीं जाना चाहते हैैं। उनका कहना है कि गांव जाने पर दोबारा आना ही पड़ेगा क्योंकि वहां रोजगार की समस्या है।

साथियों को सलाह, यहीं रहने में फायदा है

लुधियाना में कई होजरी इकाइयों में कामगारों को एडवांस मिलने के बाद अब वे अपने साथियों को संदेश देने लगे हैं कि यहीं पर रहने में फायदा है। कई श्रमिकों का यह भी कहना है कि घर जाने पर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा। गांव के जिन स्कूलों में क्वारंटाइन किया जा रहा है वहां रहने, खाने-पीने और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है। फिलहाल घर जाने से बेहतर है कि हम यहां रहकर काम करें।

 

राम सेवक                               उमेश गुप्ता                            धीरज यादव

होजरी सीजन के बाद जाने के बारे में सोचेंगे

बिहार के धीरज यादव व उमेश गुप्ता का कहना है कि होजरी वर्क तेजी से चल पड़ा है। लेबर की कमी से रेट भी ठीक-ठाक मिल रहा है। इसलिए अब वे गांव नहीं जाएंगे। पहले गांव जाने का मन था, लेकिन अब दो महीने का होजरी सीजन बीतने के बाद ही जाने के बारे में सोचेंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश के रामसेवक का कहना है कि साइकिल पाट्र्स बनाने वाली फैक्टरियों में तेजी आई है। ओवर टाइम लगाने को कहा जा रहा है जिससे गांव जाने का इरादा छोड़ दिया है।

दो लाख श्रमिक लौट चुके हैैं लुधियाना से

लुधियाना से अब तक करीब दो लाख से अधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश, बिहार, झाडख़ंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों को जा चुके हैं। लुधियाना से करीब 6.24 लाख श्रमिकों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था।

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