पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले 51 लाख को कर चुके पार, लेकिन दवा से अब भी कोसों दूर

दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 141 दिनों में 5103,350 हो गया है। इन 141 दिनों में पूरी दुनिया में 329,925 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। वर्ल्‍डओमीटर के अनुसार पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 2,034,226 मरीज ठीक हो चुके हैं।

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में अमेरिका पहले नंबर पर है, जहां संक्रमितों की कुल संख्या 1,593,039 तक पहुंच गई है। मौतों के मामले में भी अमेरिका पूरी दुनिया में नंबर वन पर है। यहां अबतक 94941 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सूची में दूसरे स्थान पर रूस है, जहां 317,554 लोग संक्रमित हैं। हालांकि रूस इससे हुई मौतों के मामले कई देशों से पीछे है। यहां पर इस जानलेवा वायरस की वजह से अब तक 3,099 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद ब्राजील, स्‍पेन, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और ईरान है।

यूरोपीय यूनियन की एजेंसी यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल की निदेशक डॉक्टर एंड्रिया अम्मान ने सभी देशों को चेताया है कि इस जानलेवा वायरस की दूसरी लहर से लड़ने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने ये नहीं कहा है कि इसका दूसरा चरण कब आएगा और कितना व्‍यापक होगा। उनके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने दुनिया को चेतावनी दी है कि कोई देश ये समझने की भूल न करे कि ये वायरस अब खत्‍म होने की कगार पर है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि अब ये वायरस गरीब देशों में फैल रहा है और अभी बहुत लंबा सफर तय करना है।

आपको बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की दवा विकसित करने का काम पूरे जोर-शोर से हो रहा है, लेकिन अब तक इसमें कोई कामयाबी हासिल नहीं हो सकी है। इसको लेकर कई देशों में दवा और टीके का क्‍लीनिकल ट्रायल भी चल रहा है और कुछ देशों ने इसकी काट के लिए एंटीबॉडीज को भी लैब में डेवलेप किया है। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे इस वायरस की दवा को विकसित करने में मदद मिल सकती है। लेकिन एक सच्‍चाई ये भी है कि यही वैज्ञानिक इस बात को भी मान रहे हैं कि इसके टीके या दवा को सामने आने में डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है।

पूरी दुनिया में इसकी कोई पुख्‍ता दवा न होने के बावजूद इसके मरीजों का ठीक होना भी हैरान करने वाला है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कोई एक दवा सभी मरीजों के ऊपर कारगर साबित नहीं हो रही है। लिहाजा डॉक्‍टर्स भी अब तक इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं कि मरीजों को कौन सी दवा देनी ज्‍यादा सही होगी। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए दो एंटी-मलेरिया दवाओं के उपयोग की इजाजत दे दी है। इसके अलावा ब्राजील और अमेरिका समेत दुनिया के करीब आधा दर्जन देशों ने भारत से क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन दवा भी मंगवाई थी। माना जा रहा था कि ये दवा कोविड-19 के इलाज में प्रभावी है। हालांकि डब्‍ल्‍यूएचओ ने काफी पहले ये साफ कर दिया था कि इसके कोई सुबूत नहीं है कि ये दवाएं इसपर कामयाब हैं।

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