जानिए किन्नरों के यह रहस्यमयी राज, जो खिसका देंगे आपके पैरों तले से जमीन

किन्नर, हमारे समाज का एक अंग है और उन्हें भी समाज में उनका अधिकार दिया गया है। किन्नर के बारे में बात करें तो उनके इतिहास सुनकर सभी के होश उड़ जाते हैं। जी दरअसल उनका इतिहास एक या दो साल नहीं बल्कि सालों पुराना है और किन्नर अभी से नहीं बल्कि बहुत पुराने समय से मौजूद हैं। कहा जाता है वह महाभारत के समय में भी मौजूद रहे हैं। आप सभी जानते ही होंगे इरावन को किन्नरों के अराध्य कहते हैं और कहा जाता है कि पांङवों को महाभारत विजय के लिये एक बलि की जरुरत थी।

उस समय इरावन तैयार थे लेकिन वह बलि से पहले शादी करना चाहते थे। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए कृष्ण ने मोहिनी का रूप धारण किया था और फिर इरावन से एक रात का विवाह किया था। केवल इतना ही नहीं महाभारत में अर्जुन ने एक साल के लिये किन्नर का रुप लिया था। वहीं रामायण में राम के वनवास जाने के बाद उनके लौटने पर उन्होंने देखा कि वह जहाँ किन्नरों को छोड़कर गए थे वह वहीं उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी भक्ति और उनका प्रेम देखकर राम ने खुश होकर किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। इस कारण आज जिसे किन्नर का आशीर्वाद मिल जाए उसकी किस्मत रातोंरात चमक जाती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनके कुछ अनसुने और चौकाने वाले राज जो आपको शायद ही पता होंगे।

1* जी दरअसल किन्नरों की परम्पराएं हिन्दू धर्म की जैसी ही होती हैं लेकिन उनके गुरु मुस्लिम हैं। जी हाँ, आप सभी ने देखा ही होगा किन्नर हिन्दू धर्म को मानने वाले होते हैं लेकिन जब बात उनके गुरु की आती है तो वह मुस्लिम हो जाते हैं।

2* जिस तरह आम लोग अपने घर में बच्चे के आने पर जश्न धूम-धाम से मनाते हैं वैसे ही किन्नर के समाज में भी होता है। जी दरअसल बहुत कम लोग जानते हैं कि किन्नर अपने खेमे में आने वाली अपनी नयी साथियों का स्वागत बहुत बड़ा जश्न मनाकर करते हैं। केवल इतना ही नहीं वह उसे सजाते भी हैं और उसके आने की ख़ुशी मनाते हैं।

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