बारूद के ढ़ेर पर रहने व सोने के लिये मजबूर दिया मोहल्ले वासियो को

सीतापुर।-न्यायालय के आदेश की अवहेलना करता अग्निशमन विभाग, सीतापुर किसी बड़ी घटना के इंतज़ार में पाव पर पाँव धरे बैठा हुआ है। नगर के मध्य पूर्वमंत्री के आवास के निकट एक गेस्ट हाउस हैं, इस गेस्ट हाउस से कुछ ही दूरी पर एक पटाख़े की दुकान है जिसे देखने मात्र से प्रतीत होता है कि दुकान पर खानापूर्ति के अंतर्गत फायर सेफ़्टी सिस्टम का प्रयोग दिखावे मात्र का उपयोग होता हैं.? वही नगर के व्यस्त मुख्य मार्ग से सटे एक काम्प्लेक्स में पटाखे की दुकान है जिसके निकट एक भोजनालय हैं जिस पर अक्सर लोगो की भीड़ और मुख्य मार्ग पर यातायात का आवागमन बहुतायत मे देखा जा सकता हैं, इस दुकान पर टँगे पटाख़े, दुकान की सीमा से बाहर तक टँगे हुए दिखते हैं, जो नियम विरुद्ध और अनापत्ति की जद में आते है।

आश्चर्य तो इस बात का हैं कि फ़ायर विभाग की पैनी नज़र इन पटाखो की दुकान पर क्यूँ नही पड़ रही है.? आख़िर क्या कारण है, कि गेस्ट हाउस में होने वाले उत्सव समारोह में  बेतहाशा आतिशबाज़ी की एक चिंगारी पटाख़े की दुकान तक यदि पहुँच गयी, तो यह विश्वास माना जा सकता है कि वह एक चिंगारी पुरे मोहल्ले को तहस नहस और तबाह करने के लिये इति श्री हो सकती है.? कौंन होगा इस भारी तबाही और जान माल के नुक़सान का.? क्या सुविधा शुल्क की हनक के चलते अनाधिकृत पटाख़े दुकानदार हुए बेलगाम.? कौन होगा इस भयानक तबाही का जवाबदेही.? कौन होगा इस लचर व्यवस्था का जिम्मेदार.? यदि भविष्य में कभी कोई जानमाल की क्षति होती हैं, तो क्या मुख्य अग्नि शमन आधिकारी अपनी मानेंगे ज़िम्मेदारी.?जब इस बारे मे एफ एस ओ से बात कि गयी तो अपना पल्ला झाडते हुऐ कहा की गेस्ट हाउस के पास वाली दुकान अवैध है लेकिन उसके बाद भी ये खुल रही है?
कब जागेगा अग्निशमन विभाग, कब होगी अनाधिकृत भवन के ख़िलाफ़ कार्रवाई। जागरूकता के नाम पर फ़ायर विभाग कब तोड़ेगा अपनी कुम्भकर्णी नींद.? क्या अग्नी शमन विभाग अपना कागज़ी घोड़े ही दौडाते रहेंगा या वास्तविकता के आधार पर कार्य करते हुए दिखेंगे.?
 
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