जानिए क्यों रोज गरम मसाला खाना सेहत के लिए है फायदेमंद

हम अक्सर देखते हैं कि सब्जी को जायकेदार बनाने के लिए गरम मसाले का प्रयोग किया जाता है, लेकिन आप शायद ये न जानते हो कि गरम मसाला जहां सब्जी को स्वादिष्ट बनाता है, वहीं आपको कई रोगों से भी बचाता है। दरअसल गरम मसाला कई तरह के मसालों को मिलाकर बनाया जाता है और हर मसाले का अपना एक अलग ही औषधीय गुण होता है। तो आइए हम सबसे पहले तो यह जानते हैं कि गरम मसाला कैसे बनाया जाता है और इन मसालों के क्या-क्या औषधीय गुण है?

गरम मसाले का उपयोग पानी से होने वाले रोगों को रोकने के लिए किया गया था। पहले इसका उपयोग केवल बारिश के मौसम में होता था, लेकिन अब सभी मौसम में होता है।

ऐसे बनाया जाता है गरम मसाला
जीरा
काली मिर्च
दालचीनी
जावित्री
जायफल
लौंग
छोटी इलायची
बड़ी इलायची
तेज पत्ता

इन सभी मसालों को हल्का सेंककर ठंडा होने के बाद पीस लें। गरम मसाले में स्वाद के अनुसार केसर और सफेद तिल भी मिलाई जा सकती है।
मसालों के औषधीय गुण

जीरा
जीरा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयरन, मैगनीज, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही कई विटामिन भी पाए जाते हैं। जीरे की तासीर गर्म होती है। इसलिए ये वात और कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। यह पेट से जुड़ी बीमारियों, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आदि में सहायक होता है।

काली मिर्च
काली मिर्च में एंटी बैक्टीरियल गुण बहुत ज्यादा होते हैं। प्राचीन काल से ही सर्दी-खांसी जैसे मौसमी बीमारियों के लिए काली मिर्च का काढ़ा पिलाया जाता है। यह कैंसर जैसे रोग से लड़ने में मदद करती है। काली मिर्च आंतों में सेलेनियम, करक्यूमिन, बीटा कैरोटिन और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायक होती है।

दालचीनी
दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं। साथ ही विटामिन भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। दिल से संबंधित बीमारी में यह विशेष फायदा पहुंचाती है। इसके अलावा त्वचा रोग में भी यह कारगर इलाज करती है।

जावित्री
जावित्री और जायफल एक ही पेड़ से निकलते हैं लेकिन दोनों के गुण अलग-अलग होते हैं। जायफल एक फल होता है, जबकि जावित्री उसी पेड़ का फूल है। इसके फूल की अद्भुत सुगंध होती है, जो सब्जी में डालने से सुगंधित हो जाती है। जावित्री के सेवन से गठिया, पाचन तंत्र, डिप्रेशन, दांत से जुड़ी समस्याएं और किडनी से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं।

जायफल
जायफल में बहुतायत में मिनरल, पोटैशियम, कैल्‍शियम, आयरन और मैग्नीशियम पाया जाता है। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। त्वचा से संबंधित बीमारी में यह बड़े काम की औषधि है। साथ ही यह प्रजनन तंत्र को भी मजबूत करता है।

लौंग
लौंग भी एक अचूक औषधीपूर्ण मसाला है। यह गर्म तासीर का है, इसलिए सर्दी खांसी जैसी बीमारी में अवश्य सेवन किया जाता है। कैंसर के बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति लौंग में होती है। लौंग में पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और मैग्नीशियम शामिल हैं। उनमें पाए जाने वाले विटामिन में विटामिन ई, फोलेट आदि शामिल हैं।

बड़ी व छोटी इलायची
इलायची मुंह को साफ रखती है। साथ ही मुंह से दुर्गंध नहीं आने देती है। पाचन क्रिया को सुधारने, एसिडिटी दूर करने, एनीमिया, एलर्जी, जी मचलाने जैसी बीमारियों में असरकारक होती है। वहीं बड़ी इलायची को मसालों की रानी कहा जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह काफी असरकारक होती है।

तेज पत्ता
तेज पत्ता एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी, थायमिन की अच्‍छी मात्रा होती है। यह बालों को झड़ने से रोकता है। साथ ही महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।

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