मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट 1994 में महिलाओं को अनिवार्य नहीं है हेलमेट लगाना…

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए हेलमेट की अनिवार्यता से महिलाओं को छूट दिए जाने के प्रावधान को चुनौती दी गई है। भोपाल के एक विधि छात्र ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता भोपाल निवासी विधि छात्र हिमांशु दीक्षित की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि महिलाओं के लिए भी हेलमेट अनिवार्य होना चाहिए। मालूम हो, मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट 1994 में महिलाओं को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 फरवरी नियत की है।

हाई कोर्ट की सुनवाई का सीधा प्रसारण क्यों नहीं

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की सुनवाई का सीधा प्रसारण किए जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य शासन, विधि विधायी कार्य विभाग व रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।

जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डॉ. पीजी नाजपांडे व डॉ. मए खान की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में अपने एक आदेश में साफ कर दिया था कि न्यायिक सुनवाई का सीधा प्रसारण होना चाहिए। इस मामले में जनहित याचिका दायर करने से पूर्व राज्य को अभ्यावेदन दिया गया था। इसके बाद विधि विधायी कार्य विभाग ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अभ्यावेदन प्रस्तुत होने की जानकारी के साथ अनुशंसा पत्र भेजा। जिसमें साफ किया गया कि सरकार लाइव टेलीकास्ट (सीधे प्रसारण) के लिए तैयार है। हाई कोर्ट का जवाब प्रतीक्षित है। इसके बाद लंबा वक्त गुजर गया लेकिन हाई कोर्ट की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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