दोषी पवन की स्पेशल लीव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू

निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की स्पेशल लीव पेटिशन (Special Leave Petition) पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। याचिका में दावा किया है कि जिस समय यानी 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई, उस समय पवन कुमार गुप्ता की उम्र 18 वर्ष से कम थी।

याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि यह फांसी की सजा टालने की कोशिश  भर है। उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2013 में रद कर चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होगी। वह समय बर्बाद कर रहा है। 1 फरवरी को तिहाड़ जेल में चारों दोषियों पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह को फांसी दी जाएगी।

पिछले सप्ताह दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दोषी पवन की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद पवन ने अपने वकील एपी सिंह के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की ही, जिस पर सोमवार को सुनवाई का दिन है।

दोषी पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर कर हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें HC ने फर्जी दस्तावेज देने और समन के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के लिए उनके वकील की की आलोचना करने के साथ जुर्माना भी लगाया था।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पवन की याचिका का खारिज करने के साथ उसके वकील एपी सिंह पर 25,000 का जुर्माना लगाने के साथ दिल्ली बार काउंसिल से कार्रवाई के लिए भी कहा था। कोर्ट ने यह जुर्माना समन जारी होने के बाद एपी सिंह के पेश नहीं होने के चलते लगाया था।

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