गुजरात में गरमाता जा रहा एलआरडी भर्ती का मुद्दा, मालधारी समुदाय लोगों में आक्रोष

गुजरात में लोक रक्षक दल (एलआरडी) भर्ती का मुद्दा गरमाता जा रहा है। करीब डेढ महीने से मालधारी समुदाय के लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं वहीं बीते दिन एलआरडी में पास हुए दो छात्रों के पिता के आत्महत्या कर लेने से मालधारी समुदाय लोगों में आक्रोष भड़क उठा है। मालधारी समुदाय के लोगों ने जूनागढ़ सिविल अस्पताल के बाहर चक्का जाम कर शव लेने से इंकार कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक जूनगाढ़ जिले के सरदार बाग स्थित बहुमंजिला भवन में स्थित सहायक विधुत निरीक्षक की कार्यालय में शुक्रवार को लिपिक के पद पर कार्यरत म्यांजभाई मुंजाभाई हुण नामक 50 ने कार्यालय में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइट नोट लिखा। जिसमें उहोंने खुद की मौत का जिम्मेदार गुजरात सरकार को ठहराया है।

म्यांजभाई ने सुसाइट नोट में उल्लेख किया है कि गुजरात सरकार ने उनके साथ अन्याय किया है। उनके दोनों बेटे एलआरडी की मौखिक और लिखित परीक्षा में पास हुए हैं। दोनों बेटों के सभी दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए गये थे।

जहां उनके दस्तावेज वेरिफाई नहीं हुए और एलआरडी भर्ती प्रक्रिया के नतीजे घोषित कर दिये गये। मृतक म्यांजभाई ने सुसाइट नोट पर सरकार से सवाल किया है कि अब यह बर्दाशत नहीं है। उनकी मौत के पीछे गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, आदि जाति मंत्री गणपत वासवा, गृह सचिव और आदिजाति विभाग के अधिकारी जिम्मेदार है। उन्हें अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, भगवान ही न्याय करेगा।

म्यांजभाई के आत्महत्या करने की खबर मिलने के बाद सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे मालधारी समुदाय के लोगों में आक्रोष भड़क उठा है। शनिवार सुबह से मालधारी समुदाय के लोग जूनागढ़ सिविल अस्पताल के बाहर पहुंच गये और मृतक के परिजनों के साथ धरना पर बैठ गये है।

मालधारी समुदाय की मांग है कि जब तक एलआरडी के छात्रो के साथ न्याय नहीं होता है तब तक शव नहीं स्वीकार किया जायेगा। मालधारी समुदाय का कहना है कि न्यायालय की तरफ उन्हें समाज को आदिवासी होने का प्रमाण मिल चुका है इसके बाद भी लोकरक्षक भर्ती प्रक्रिया में आदिवासी प्रमाण पत्र के कोटे से उनके समुदाय के लोगों को नहीं लिया जा रहा है।

लोकरक्ष दल के मेरिट में आये उनके व 125 छात्रों से अन्याय किया गया है। मालधार समुदाय ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार ने उनकी मागों पर ध्यान नहीं देती है तो आगामी दिनों उनका आंदोलन और उग्र हो जायेगा।

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