राजगिरे के आटे की ये रोटी

राजगिरे के आटे के पराठे या रोटी व्रत के दौरान बनाए जाते है लेकिन आप चाहे तो इसे कभी भी बनाकर खा सकती हैं, आप इसे रोज बनाकर भी खा सकती है। यह आटा हेल्‍थ के लिए फायदेमंद होता है। इसके साथ आप आलू की सब्‍जी सर्व कर सकती हैं, ये अच्‍छा कांबिनेशन होगा। इसे आप गरम-गरम ही खाएं। तो आइए जानें इसे बनाने का तरीका।

आवश्यक सामग्री

राजगिरे का आटा- 1 कप
कॉर्नफ्लोर- ½ टेबल स्पून
हरी मिर्च- 2
आलू- 1 मीडियम
अदरक की पेस्ट- ½ टेबल स्पून
हरा धनिया- 1 टेबल स्पून
घी- अंदाजानुसार
दही- 1 टेबल स्पून
पानी- अंदाजानुसार
सेंधा नमक- स्वादानुसार

बनाने की विधि: राजगिरा पराठा बनाने के लिए सबसे पहले आलू को उबालकर उसका छिलका निकालकर उसे मैश कर लें। साथ ही, हरी मिर्च और हरे धनिये को बारीक-बारीक काट लें। अब आटा गूंथकर तैयार करेंगे और इसके लिए एक बड़े बाउल में राजगिरे का आटा लें। उसमें अदरक की पेस्ट, हरी मिर्चे, हरा धनिया, मसला हुआ आलू और नमक डालें और उसे हाथ से अच्छे से मिला लें। अब इस आटे में घी और दही डालें, फिर से हाथ से मिला लें और अंदाजानुसार पानी डालते हुए आटा गुंथ लें। ध्यान रखे की ज्यादा पानी डालेंगे तो आटा चिपचिपा हो जाएगा, इसलिए हमेशा थोड़ा-थोड़ा पानी डाले। ध्‍यान रखें कि आटा एकदम चिकना गूंथें। अब गूंथे हूए आटे को तीस मिनट तक ढककर रख दें। तीस मिनट बाद इस आटे को निकाले और इसके पांच से छह समान गोले बना लें। अब इसे हल्‍के हाथों से बेलना शुरू करें। यह आटा बेलते समय किनारो से टूट जाता है तो इसे हाथ से जोड़ दे और 5 इंच की गोलाई में बेल लें। गैस के मध्यम आंच पर तवा चढ़ाए और इसे गर्म होने दें। गर्म तवे पर ध्यान से पराठा रखें ताकि ये टूटे नहीं। थोड़ी देर बाद जब पराठा नीचे से सिक जाए तो उसे पलट दें और दूसरी और भी थोड़ा सा सेक लें। अब इस पर घी या तेल लगाकर पलट दें। इसे कलछी से चारो और दबाते हुए ब्राउन होने तक सेंके। फिर से घी या तेल लगाए और पलट दें। दूसरी और भी ऐसे सेक लें। तैयार है आपका राजगिरा पराठा, इसे आप अपनी पसंद की किसी भी चटनी, दही या अचार के साथ खा सकती हैं।

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