पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर के अभिभाषण के साथ हुआ शुरू

पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। सदन की कार्यवाही की शुरूआत होते ही हंगामा शुरू हो गया। पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राज्‍यपाल के अभिभाषण पर विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट किया और बाद में शिरोमणि अकाली दल के सदस्‍य भी सदन से चले गए। राज्यपाल के अभिभाषण में पंजाब के सबसे हॉट ईशू बिजली पर कुछ नहीं है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार मानसून सत्र में पावर एग्रीमेंट पर श्‍वेतपत्र लाएगी। एग्रीमेंट रदद् करने को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्‍यसभा सदस्‍य प्रताप सिंह बाजवा को लेकर कोई भी कमेंट्स करने से मना कर दिया।

कैप्‍टन ने कहा- मानसून सत्र में पावर एग्रीमेंट पर श्‍वेतपत्र लाएगी सरकार

विधानसभा की कार्यवाही की शुरू होते ही आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आप के विधायकाें ने राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर का अभिभाषण शुरू होते ही सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में आ गए। इसके बाद आप विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद शिअद के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। शिअद के विधायक हाथों में झुनझुना लेकर प्रदर्शन करने लगे और नारेबाजी करने लगे।

शिअद ने राज्‍यपाल के अभिभाषण को बताया पुराना, झुनझुना लेकर किया प्रदर्शन

राज्यपाल ने जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया शिरोमणि अकाली दल ने अपनी सीट से उठ कर शोर मचाना शुरू कर दिया। शिअद विधायकों राज्यपाल के अभिभाषण को पुराने वाला ही बताया। उन्‍होंने पुराने अभिभाषण और आज पढ़े जाने वाले अभिभाषण की कॉपी दिखाना शुरू कर दिया। शिअद विधायकों का कहना था कि दोनों अभिभाषण में कोई अंतर नहीं है। करीब छह मिनट तकशोर मचाने के बाद शिअद विधायक शांत होकर बैठ गए, लेकिन इस दौरान वह सदन में झुनझुना हिलाते रहे। इसके बाद  शिअद विधायकों ने सदन से वाक आउट किया।

झुनझुना लेकर पंजाब विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते शिअद के विधायक।

इससे पहले शिअद विधायकों ने विधानसभा के बाहर भी झुनझुना लेकर प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम मजीठिया का कहना था कि तीन साल में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने अपना कोई भी  चुनावी वायदा पूरा नहीं किया। बेरोजगारी भत्ता, छठा पे कमीशन, बेरोजगारी भत्ता देने सहित सभी वादों को लेकर लोगों को केवल झुनझुना ही दिखाया गया।

शिअद ने कहा- हम एनआरसी के विरोध में

दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि पार्टी एनआरसी के विरोध में है। शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इसके साथ ही पार्टी चाहती कि सीएए (CAA) में सभी धर्मों के लोगों को शामिल किया जाए। पार्टी ने   संसद में भी अपना यही स्टैंड रखा था।

इस दो दिवसीय सत्र में विधानसभा में नागरिकता संशोधन काननू (CAA) पर भारी हंगामा होने की संभावना है। सीएए को लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल दोनों की अग्निपरीक्षा होगी। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए लिए भी खुद की दूमदार उपस्थिति दर्ज कराने की चुनौती होगी। आप की सबसे बड़ी चुनौती यह रहेगी कि महंगी बिजली का मुद्दा उसके हाथ से न निकल जाए।

कांग्रेस के सीएए पर प्रस्ताव को महंगी बिजली के मुद्दे से रोकेंगे अकाली

विधानसभा के विशेष सत्र की शुरूआत राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर के अभिभाषण से हुई। विशेष सत्र के लिए तीनों पार्टियां सजग नजर आ रही हैं। कांग्रेस को पता है कि महंगी बिजली के मुद्दे पर वह घिर सकती है। इसके लिए उसने अपने तरकश में नागरिकता संशोधन काननू (सीएए) को संभाल कर रखा है। शिअद और आप ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया था, हालांकि, इसके बाद से शिअद लगातार कह रही है कि इस कानून में मुस्लिमों को भी शामिल करना चाहिए।

पंजाब में आप ने अभी स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है। कांग्र्रेस की रणनीति है कि अगर सीएए के प्रस्ताव पर अकाली दल और आप वॉकआउट करते हैं, तो उन्हें सदन में खुला समय मिल जाएगा। साथ ही दोनों दल ‘एक्सपोजÓ हो जाएंगे। विधानसभा का विशेष सत्र दो दिन का ही होगा, लेकिन राजनीतिक रूप से कांग्रेस, शिअद और आप के लिए खासा महत्वपूर्ण रहेगा।

एक तरफ आप ने शिअद-भाजपा सरकार के दौरान प्राइवेट थर्मल प्लांटों से हुए समझौतों को रद करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह से प्राइवेट बिल लाने की मंजूरी मांगी है। दूसरी तरफ शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने राज्यपाल को मांग पत्र सौंप कर कांग्रेस पर यह आरोप लगाया है कि उसने मिलीभगत करके प्राइवेट थर्मल प्लांटों को लाभ पहुंचाया। इससे आम लोगों पर 4100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा, इसलिए इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

विधानसभा सत्र से पहले शिअद ने महंगी बिजली के मुद्दे पर अपनी जमीन तैयार करना शुरू कर दी है। ऐसे में महंगी बिजली के विरोध में मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना देने वाली आप को डर है कि कहीं शिअद उनसे यह मुद्दा न छीन ले।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के निशाने पर शिअद

विपक्ष को रोकने के लिए कांग्रेस के पास सीएए सबसे बड़ा हथियार है। कांग्रेस सीएए पर प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। सरकार को पता है कि इस मुद्दे पर शिअद और आप दोनों बैकफुट पर हैं। कांग्रेस और मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के निशाने पर मुख्य तौर पर शिअद ही रहेगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले भी सीएए के मुद्दे पर सुखबीर बादल को घेरते आ रहे हैं।

कहीं बेअदबी कांड जैसी न हो जाए शिअद की स्थिति

कांग्रेस को पता है कि महंगी बिजली के मुद्दे पर शिअद आक्रामक रुख अपनाएगा। अगर शिअद वॉकआउट करता है तो सदन में उसकी स्थिति बेअदबी कांड जैसी हो जाएगी। क्योंकि बेअदबी कांड पर अकाली दल वॉकआउट कर गया था और कांग्र्रेस को उसे खुल कर कोसने का मुद्दा मिल गया। इससे शिअद को काफी नुकसान हुआ था।

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