ट्रेड यूनियनों के बुलावे पर भारत बंद का झारखंड में दिख रहा मिलाजुला असर….

Bharat Bandh Today ट्रेड यूनियनों के बुलावे पर भारत बंद का झारखंड में मिलाजुला असर दिख रहा है। मजदूरों-कामगारों के काम नहीं करने से काम-धंधे पर असर पड़ा है। बैंक, पोस्ट ऑफिस, केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों मेंं काम प्रभावित हुआ है। राज्य में जगह-जगह धरना-प्रदर्शन हो रहा है। कोयले का उत्पादन तो हो रहा, लेकिन उठाव नहीं हो रहा है।

भारत बंद और ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण झारखंड का कोल सेक्‍टर ठप है। सामान्य दिनों की तरह कोलियरियों में उत्पादन तो हो रहा है, लेकिन डिस्पैच बंद है। यहां सभी खदानों में कामगारों की कमी के चलते सन्‍नाटा पसरा है। कामगारों की हड़ताल के कारण कोल साइडिंग पर सैकड़ाें ट्रक यूं ही खड़े हैं। लदान मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में यहां जोरदार तरीके से आवाज बुलंद की। बैंक बंद रहने से सामान्‍य जनजीवन पर भी असर देखा जा रहा है। राजधानी रांची, जमशेदपुर और धनबाद समेत दूसरे शहरों में भी भारत बंद के चलते जरूरी सुविधाओं के लिए लोगों को मशक्‍कत करनी पड़ रही है। रामगढ़, गिरिडीह, चतरा समेत कई कोल साइडिंग पर कामगारों ने प्रदर्शन किया। यहां देखें झारखंड के अलग-अलग जिलों का हाल…

हड़ताली कर्मियों का प्रदर्शन

राजधानी रांची में बैंक ऑफ इंडिया जोनल कार्यालय के सामने बैंक के कर्मचारी केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी शामिल हैं। हजारों हाथ को काम दो, मजदूरी का पूरा दाम दो- इन्हीं नारों के साथ सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में मजदूर उतरे हैं। उनके हाथों में लाल झंडा है और तिरंगा है। बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन के कर्मचारी भी आज हड़ताल पर हैं। इनमें मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) भी शामिल हैं। अपनी 6 मांगों के साथ इस हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं। इनमें नो जीएसटी ऑन मेडिसिन एंड मेडिकल डिवाइसेज एंड प्रोडक्ट, सेल्स प्रमोशन एंपलाइज और यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मा मार्केटिंग प्रैक्टिसेज शामिल है।

इधर देवघर में अब तक भारत बंद का कोई असर नहीं दिख रहा है। सामान्य दिनों की तरह ही दुकान व आवागमन सुचारू है। साहिबगंज में भी बंद का कोई असर अब तक नहीं दिख रहा है। हजारीबाग में अब तक बंद का कोई असर नहीं दिखा, सड़क पर कोई प्रदर्शनकारी नहीं उतरे हैं। यातायात भी बिल्कुल सामान्य है। सरायकेला में बंद का कोई असर नहीं है। बाजार की सभी दुकानें रोज की तरह खुली हुई हैं।

गिरिडीह में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करते कामगार।

इधर लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, चतरा में भारत बंद का कोई असर नहीं है। चक्रधरपुर में में बंद का कोई असर नहीं है। सड़क पर कोई प्रदर्शनकारी नहीं उत्तरे हैं। यातायात बिल्कुल सामान्य है और बाजार की सभी दुकानें रोज की तरह खुली हुई हैं। पलामू में हड़ताल के समर्थन में कर्मचारी संगठन धरना दे रहे हैं। पलामू जिला मुख्यालय मेदनीनगर स्थित प्रधान डाकघर के बाहर डाक कर्मचारियों ने धरना दिया। सरकार विरोधी नारे लगाए। न्यू पेंशन नीति वापस करने की मांग की।

रामगढ़ के बरका-सयाल में अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते ट्रेड यूनियन के संयुक्त मोर्चा के कामगार।

रामगढ़ कोयलांचल में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आंशिक असर

विभिन्न श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का रामगढ़ जिले के विभिन्न कोलियरियोंमें आंशिक असर है।  बुधवार  को क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों  में सामान्य दिनों की तरह उत्पादन का कार्य होता रहा । हालांकि पूरे प्रक्षेत्र में कोयले का डिस्पैच ठप है।  श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि सड़कों पर उतर कर हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान करते दिखे। हड़ताल के कारण भुरकुंडा कोयलांचल सहित आसपास के क्षेत्र में चलने वाली दूर की बसें नहीं चल पाए । सड़कों पर छोटी गाड़ियां का  परिचालन जारी था कोयलांचल के भुरकुंडा, उरीमारी, बिरसा, न्यू बिरसा परियोजनाओं में मशीनों के माध्यम से मजदूर उत्पादन कार्य में लगे दिखे। क्षेत्र के बैंक व शिक्षण  संस्थान का खुलने का समय अभी नहीं हुआ है ।

बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे माले समर्थक

गिरिडीह में ट्रेड यूनियनों की भारत बंद के समर्थन में भाकपा माले समर्थक बुधवार की सुबह बगोदर में जीटी रोड पर उतरे। पूरण महतो, संदीप जायसवाल के नेतृत्व में माले समर्थकों ने जुलूस निकाल केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बिरनी में भी माले ने जुलूस निकालकर विरोध जताया। माले समर्थकों ने कहीं भी सड़क जाम नहीं की और न ही बाजार बंद कराया। भारत बंद का कोई असर पूरे जिले में नहीं दिख रहा है। वैसे लंबी दूरी की कई गाड़ियों को कुछ मालिकों ने रास्ते में हंगामे के डर से खुद नहीं जाने दिया। सीसीएल के उत्पादन एवं डिस्पैच पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा है। मजदूरों की उपस्थिति सामान्य दिनों की ही तरह है।

कोडरमा में मजदूरों की हड़ताल

कोडरमा में महंगाई, छटनी, मंदी और निजीकरण के खिलाफ मजदूर संगठनों के देशव्यापी हड़ताल का असर दिखना कोडरमा में शुरू हो गया है। बुधवार की सुबह कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के  मजदूरों ने प्लांट के मुख्य द्वार पर  बैनर पोस्टर लगाकर  हड़ताल को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हड़ताल के कारण प्लांट से बिजली उत्पादन का कार्य भी प्रभावित होने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ इस हड़ताल में आंगनबाड़ी की सेविका सहायिका भी शामिल होगी, जिसके कारण जिले के 749 आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। वहीं करीब 20 हज़ार बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा हड़ताल के कारण पोस्ट ऑफिस, बैंक, बीमा क्षेत्र, बीएसएनएल का कार्य भी ठप रहेगा। वहीं अन्य केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी भी दो घंटे का सांकेतिक हड़ताल कर हड़ताल को नैतिक समर्थन देने का आह्वान कर चुके हैं। इसके अलावे दूसरे संगठनों ने भी मजदूर यूनियन के हड़ताल के प्रति समर्थन जताया है। हड़ताल को लेकर दिन के 10:00 बजे के बाद बैंक को एवं बीमा कंपनियों के बाहर भी कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे।

मजदूर संगठनों ने निकाला जुलूस

केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में अखिल भारतीय संगठन एआइबीईए, एआइबीओए, बेफी, इनबेफ, इनबोक ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। बुधवार को एचईसी, सीसीएल, बीएसएनल के कर्मचारी व मजदूर हड़ताल पर हैं। वहीं एसबीआइ व प्राइवेट बैंकों को छोड़कर अन्य बैंकों में कामकाज ठप है। हड़ताल के चलते सुबह से ही इन संस्थानों के बाहर प्रदर्शन का दौर जारी है। दोपहर एक बजे कामगार संगठन अलबर्ट एक्का चौक पर जुटेंगे और यहां से राजभवन तक रैली निकालेंगे। देशव्यापी हड़ताल के कारण कोल सेक्‍टरों में वीरानी छाई है।

देर शाम निकाला जुलूस

देशव्यापी हड़ताल की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यूनियन के सदस्यों ने मेन रोड प्रधान टॉवर से केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में जुलूस निकाला। इसके बाद अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान वे लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। सीटू के महासचिव प्रकाश विपल्व ने बताया कि एसबीआइ के कर्मचारियों ने हड़ताल का नैतिक समर्थन किया है। वे काम करेंगे, लेकिन वे इस हड़ताल के समर्थन में हैं। इधर, हड़ताल के कारण बैंक, डाक व बीएसएनएल की सेवाएं भी बाधित रहेंगी। झारखंड पावर इंजीनियङ्क्षरग एसोसिएशन एवं झारखंड विद्युत डिप्लोमा अभियंता संघ ने भी बुधवार को हड़ताल में रहने तथा कार्य नहीं करने की घोषणा की है।

लोगों को हो रही असुविधाएं

एसबीआइ व प्राइवेट को छोड़कर अन्य बैंकों के बंद रहने से इन बैंकों के ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

  1. चेक क्लियरेंस, एनईएफ्टी, आरटीजीएस जैसी सेवाएं पूर्णत बाधित हैं।
  2. डाक विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से पोस्ट ऑफिस बंद रहेंगे, इससे डाक सेवाएं प्रभावित हैं।
  3. हड़ताल में बीएसएनएल के कर्मचारी व ठेका मजदूर भी शामिल हैं, इससे आंशिक तौर पर आपातकाल सेवाएं भी प्रभावित हैं।

यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन भी बंद के समर्थन में

यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। इसके तहत झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के अधिकारी व कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे।

इन मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं मजदूर व कर्मचारी

श्रमिकों के राष्ट्रीय कन्वेंशन की मांगों के समर्थन में बैंकिंग सुधार एवं बैंकों के विलय के विरूद्ध, कॉरपोरेट घरानों के पास बकाया जानबूझकर न चुकाए गए ऋणों की वसूली के लिए कठोर कार्रवाई की जाय, 11वां द्विपक्षीय समझौता एवं अन्य संबंधित मांगों के जल्द निपटारा किया जाय व बैंकों में सभी संवर्गों में पर्याप्त बहाली हो।

करोड़ों का कारोबार होगा प्रभावित

एक दिवसीय हड़ताल के कारण बैंक, डाक विभाग, एचईसी में काम-काज ठप रहने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा।

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