मौजूद कर्मचारी उसे उठाकर मेन मेडिकल पोस्ट ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत किया घोषित

भिलाई इस्पात संयंत्र में एक बार फिर हादसा हो गया। इस हादसे में प्लांट में एक मजदूर की मौत हो गई। जनवरी में अब तक यह तीसरी घटना है। मंगलवार सुबह कोयले का वैगन खाली कराने से पहले शंटिंग कराते समय ठेका मजदूर चपेट में आ गया। दो वैगन की चपेट में आने से मजदूर टेकराम दब गया। मौजूद कर्मचारी उसे उठाकर मेन मेडिकल पोस्ट ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बताया जा रहा है कि कोयला का वैगन रैक से अलग करने के बाद कोक ओवन वैगन ट्रिप्पलर नंबर-7 पर ले जाया गया था। इसके बाद खाली वैगन को रवाना कराने के लिए टेकराम शंटिंग करा रहा था। संवादहीनता होने की वजह से मजदूर दो वैगन के बीच में ही था, तभी लोको पायलट ने मूवमेंट कर दिया।

एक जनवरी की रात ब्लास्ट फर्नेस-8 में गैस रिसाव हुआ था, जिसकी चपेट में एक डीजीएम सहित छह मजदूर आए थे। इसके बाद तीन जनवरी को कोक ओवन के पुशिंग कार का मेंटेनेंस करते समय एक नियमित कर्मचारी झुलस गया था। बार-बार प्लांट में हो रही दुर्घटनाओं की वजह से यहां दहशत का माहौल बना हुआ है। मजदूरों को आशंका रहती है कि किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

बता दें कि 9 अक्टूबर 2018 को गैस कांड से 14 कार्मिकों की जान गई थी। वर्ष 1955 में सोवियत रूस के सहयोग से स्थापित किए गए भिलाई इस्पात संयंत्र की अधोसंरचना काफी पुरानी हो चुकी है। यहां रिनोवेशन का काम नहीं हो पाने की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

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