देशभर में अब तक 70 लाख लोगों का आयुष्मान के माध्यम से किया उपचार

विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत में फर्जीवाड़े के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। कई स्थानों पर आयुष्मान मित्रों ने आइडी प्राप्त करने के बाद एक ही परिवार में 100 से ज्यादा लोगों का नाम जोड़ दिया। इसके बाद उनके उपचार के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। इस तरह के मामलों को देखते हुए जिला स्तर सीएमएचओ ने सभी कार्ड की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

आयुष्मान आइडी के माध्यम से एक ही परिवार में दर्जनों नाम जा़ेडने का खुलासा नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के आइटी डिपार्टमेंट ने किया है। इसमें जानकारी दी गई है कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में फर्जी नाम जोड़कर उपचार के नाम पर क्लेम की राशि निकाली गई है।

छत्तीसगढ़ अंतर्गत रायपुर के एक निजी अस्पताल में एक ही परिवार की आइडी में 109 सदस्यों का नाम जोड़ा गया है। इसमें से 57 लोगों की आंखों का उपचार भी कर दिया गया। साफ है कि आयुष्मान से उपचार करने वाले निजी अस्पताल आयुष्मान मित्रों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।

इस खुलासे के बाद जिला स्तर पर अधिकारी सतर्क हो गए हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने सभी आयुष्मान कार्ड की जांच का आदेश दिया है। इसके बाद पता चल पाएगा कि यहां भी फर्जीवाड़ा किया गया है या नहीं।

अब तक 4592 करोड़ का दिया जा चुका है क्लेम

आयुष्मान योजना सितंबर 2018 से शुरू हुई है। देशभर में अब तक 70 लाख लोगों का आयुष्मान के माध्यम से उपचार किया गया है। इसके तहत कुल 4592 करोड़ रुपये की क्लेम राशि जारी की गई है।

इस वजह से मिला फर्जीवाड़ा का मौका

स्मार्ट कार्ड योजना में एक परिवार के पांच सदस्यों को उपचार का फायदा मिलता था। आयुष्मान भारत शुरू होने पर सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। इसके पीछे तर्क था कि बड़े परिवार वाले स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित हो सकते हैं। इसलिए एक परिवार का एक आयुष्मान आइडी जनरेट किया जाए। इसके बाद उस परिवार में जितने भी सदस्य हैं सबका अलग-अलग कार्ड बनाया जाए। इसी बात का फायदा उठाकर एक परिवार की आइडी मेंज्यादा नाम जोड़कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

फर्जी बिल भेजने वाले अस्पताल भी दायरे में

एनएएच की जांच में यह बात भी सामने आया है कि आयुष्मान से उपचार करने वाले निजी अस्पताल फर्जी बिल भी लगा रहे हैं। जांच में कई अस्पताल पकड़े गए हैं। आगे की जांच की जा रही है। गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों से रिकवरी करने के साथ ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।

– आयुष्मान कार्ड में फर्जीवाड़ा के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद जिले स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। वर्ष 2016 के बाद बने कार्डों के माध्यम से फर्जीवाड़ा होने की जानकारी है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

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