हवन के लिए दो लकड़ियों से जलाई पवित्र आग, जैसे हो गया ‘चमत्कार’

हिन्दू पूजा पद्धति में अपने इष्ट देव की आराधना के दौरान हवन करने का विधान है। यह वर्षों से होता आ रहा है। उस समय में हवन की अग्नि को प्रज्वलित करने के लिए माचिस या आज के आधुनिक साधन नहीं थे। तब दो लकड़ियों को या पत्थरों को आपस में रगड़कर ​अग्नि प्रज्वलि की जाती थी। उस दौर में वह काम कैसे होता था, यह हमने नहीं देखा है। लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो लकड़ियों की मदद से हवन के लिए अग्नि प्रज्वलित की जा रही है।

किरण कुमार एस ने अपने​ ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दो लकड़ियों की मदद से हवन के लिए अग्नि प्रज्वलित की जा रही है। य​ह वीडियो दक्षिण भारत के किसी मंदिर का है।

इस वीडियो में तीन पुजारी हवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें एक पुरोहित ने आयताकार लंबी लकड़ी को पकड़ा है, तो दूसरे पुरोहित बेलननुमा लकड़ी को नीचे रखी लकड़ी में बने खांचे में रखकर पकड़े हुए हैं और एक अन्य पुरोहित उस बेलन को एक पतली रस्सी की मदद से तेजी से घुमाते हैं।

यह ठीक वैसे ही हो रहा है जैसे दही से मक्खन निकालने के लिए एक डंडे से दही को मथा जाता है। कुछ देर तक लकड़ी को रस्सी की मदद से तेजी से घुमाने पर धुआं निकलने लगता है। वहां उत्पन्न हुई अग्नि को हवन पात्र में सामग्रियों के बीच रखा जाता है और पंखे की मदद से उसे और प्रज्वलित किया जाता है।

किरण कुमार एस ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि यह हवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करने का भारतीय पारंपरिक तरीका है। हजार साल पहले ऐसे ही होता था। माचिस का प्रयोग नहीं होता था।

E-Paper