अनंग त्रयोदशी: विधि-विधान से पूजा करने पर दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती

सुख-संपत्ति की कामना और सौभाग्य वृद्धि के लिए सनातन संस्कृति में कई व्रत-त्यौहार किए जाते हैं। ऐसा ही एक व्रत अनंग त्रयोदशी का है, जिसको संतान सुख की कामना के लिए देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है।

मान्यता है कि अनंग त्रयोदशी का व्रत कर विधि-विधान से पूजा करने पर दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है। अनंग त्रयोदशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार अनंग त्रयोदशी 9 दिसंबर सोमवार को है।

अनंग त्रयोदशी के दिन भक्त शिव-पार्वती की पूजा करते हैं, जिससे धन, संपदा, एश्वर्य और सुख, शांति मिलती है। इस तिथि को कामदेव और रति की भी पूजा की जाती है।

अनंग त्रयोदशी का व्रत मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह व्रत दिसंबर के महीने में मनाया जाता है।

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