फिश पेडीक्योर करवाना चाहती है तो ये खबर जरूर पढ़ ले …..

फिश पेडीक्योर अभी कुछ वर्षों से बहुत चलन में है। फिश पेडीक्योर या स्पा तभी सुरक्षित हो सकते हैं जब वहां पर काफी हद तक साफ़-सफाई का ख़याल रखा गया हो। फिश पेडीक्योर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गारा रूफा (garra rufa) मछली आपके पैरो कि डेड स्किन को खा जाती है जिसके परिणामस्वरूप आपके पैर फिर सुन्दर और चमकदार दिखने लगते हैं। यह मछली आपके पैरों की डेड स्किन को निकालने के साथ-साथ आपके रक्तप्रवाह को भी बढ़ा देती है और आपके शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को भी उत्तेजित कर देती है जिससे इसका असर तुरंत दिखाई देने लगता है। हालांकि इस बात की भी संभावना है कि उस टैंक में उपस्थित माइक्रोबैक्टीरिया के कारण आपको इन्फेक्शन भी हो सकता है।

ध्यान  देने वाली बात ये है की अगर हर एक सेशन के बाद उस टैंक का पानी बदला नहीं जाता है तो संक्रमण होने की संभावना ज्यादा है। इसलिए कमजोर इम्युनिटी और डायबिटीज के मरीजों को ऐसे ट्रीटमेंट नहीं करवाने चाहिए। फिश पेडीक्योर में सिर्फ आपके पैरो की धुल और डेड स्किन साफ़ होती है जबकि बाज़ार में ऐसे कई अन्य पेडीक्योर हैं जिससे आप अपने पैरों को और खूबसूरत बना सकती हैं।

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