असम सरकार ने केंद्र से लगाई गुहार, कहा- एनआरसी को खारिज करें..

हाल ही में गुवाहाटी पर  20 नवम्बर 2019 (भाषा) असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बीते बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने हाल में जारी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को खारिज किये जाने का केन्द्र से अनुरोध किया है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशव्यापी स्तर पर एनआरसी को लागू किये जाने की आज ही एलान किया गया है. वही भाजपा के वरिष्ठ नेता सरमा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अद्यतन की गई एनआरसी में कई खामियां है क्योंकि एनआरसी के तत्कालीन राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने इस कवायद को ‘‘एकतरफा’’ तरीके से चलाया था.

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कहा कि क्योंकि इसमें संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है इसलिए राज्य सरकार के साथ-साथ सत्तारूढ़ भाजपा ने केन्द्र से एनआरसी के उसके मौजूदा स्वरूप को ‘‘खारिज’’ किये जाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, ‘‘असम सरकार ने एनआरसी को स्वीकार नहीं किया है. इसमें कई अपात्र लोगों को शामिल किया गया और कई वास्तविक भारतीय नागरिकों को बाहर कर दिया गया है. असम सरकार और भाजपा ने गृह मंत्री से इस एनआरसी को खारिज किये जाने का अनुरोध किया है…इसमें संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है.’’ सरमा ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई लिखित सूचना केन्द्र को नहीं भेजी गई है. गृह मंत्री शाह ने बुधवार को राज्यसभा में बयान दिया है कि एनआरसी प्रक्रिया पूरे देश में चलाई जायेगी. शाह के इस बयान का स्वागत करते हुए सरमा ने कहा कि राज्य सरकार खुश है कि केन्द्र ने ‘‘उनके दिल की बात सुनी’’ और नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने के बाद यह कवायद शुरू होगी. सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे देश के लिए एक निर्दिष्ट साल तक एक राष्ट्रीय एनआरसी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि निर्दिष्ट वर्ष 1971 है तो यह सभी राज्यों के लिए वही होना चाहिए… हम असम समझौते को रद्द करने के लिए नहीं कह रहे हैं.’’

मिली जानकारी के अनुसार  एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला की कड़ी निंदा करते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि अद्यतन की पूरी कवायद राज्य सरकार को अलग रखते हुए ‘‘एकतरफा’’ ढंग से चलाई गई. उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश सोचता था कि एनआरसी का अद्यतन असम सरकार द्वारा किया जा रहा है. हम एक व्यक्ति की वजह से खमियाजा भुगत रहे हैं. हम व्यवस्था की खामियों से चिंतित हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से हजेला ने एक भिन्न व्यवस्था के तहत कवायद चलाई, कई स्तरों पर सवाल तैयार किये गये. जनप्रतिनिधि होने के नाते, हम अब इन सवालों का जवाब देने में असमर्थ हैं.’’आईएएस अधिकारी हजेला को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उनके गृह राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया गया है. उनके स्थान पर असम सिविल सेवा के अधिकारी हितेश देव सरमा को नियुक्त किया जा चुका है.

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