नीतीश ने सरयू से मुंह मोड़ा, चुनावी भंवर में अकेला छोड़ा…

आखिर वही हुआ जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था। येन केन प्रकारेण बिहार के मुख्यमंत्री ने भाजपा के बागी मंत्री सरयू राय के चुनाव प्रचार में आने से मना कर दिया है। माना जा रहा है कि सियासी तौर पर बेहद मंजे हुए राजनेता नीतीश ने यह फैसला बहुत सोच-समझ कर लिया है। बिहार में भाजपा के साथ सरकार चला रही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश इसमें आगे का नफा-नुकसान देख रहे हैं।

इधर जिस तरीके से सरयू राय के समर्थन में चुनाव प्रचार करने को लेकर अब भाजपा खेमे की ओर से बयान आ रहाथा, उससे यह साफ हो गया था कि अब नीतीश को अपना स्टैंड साफ करना पड़ेगा। बता दें कि झारखंड में भाजपा के बागी नेता सरयू राय के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ प्रचार करने की घोषणा करके नीतीश कुमार ने देश की सियासत गरमा दी थी।

नीतीश के इस फैसले को उनकी भाजपा से बढ़ती दूरी के रूप में देखा जा रहा था। राजनीतिक विश्लेषक इस निर्णय में कई निहितार्थ ढ़ूंढ़ रहे थे। मालूम हो कि पटना में कृषि विभाग के कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से पूछा कि क्या आप झारखंड विधानसभा चुनाव में सरयू राय के प्रचार के लिए जाएंगे तो उनका जवाब था कि मेरी जरूरत नहीं है। सीएम नीतीश ने तब सिर्फ इतना ही कहा और गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। उन्होंने वहां पत्रकारों के किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया।

सरयू ने जमशेदपुर पूर्वी से किया है नामांकन

भारतीय जनता पार्टी से झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए टिकट काटे जाने के बाद सरयू राय ने अपनी परंपरागत सीट जमशेदपुर पश्चिमी को छोड़कर जमशेदपुर पूर्वी से नामांकन दाखिल किया है। झारखंड सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय ने अभी हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

भाजपा में अनिर्णय की स्थिति

मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ ताल ठोकने और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा ने सरयू राय के खिलाफ अभी कोई एक्शन नहीं लिया है। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने हाल ही में कहा था कि उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। गुरुवार यानि कल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह झारखंड दौरे पर आने वाले हैं। शायद इसलिए पार्टी किसी किरकिरी से अभी बचना चाहती है।

विपक्ष के हेमंत सोरेन ने किया था खुलकर समर्थन

भाजपा से टिकट काटे जाने और मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के एलान के बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने उन्हें खुलकर समर्थन देने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टियों से भी सरयू को समर्थन देने के लिए कहा था। हेमंत ने सरयू को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला नेता करार दिया था। दूसरी ओर सरयू राय ने भी हेमंत को झारखंड के भविष्य का नेता कहा था।

सुदेश ने रुख स्पष्ट करने पर समर्थन की कही थी बात

राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू भी सरयू राय की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो ने सरयू राय को समर्थन देने के सवाल पर कहा है कि पहले सरयू राय अपना रुख स्पष्ट करें, तब ही उन्हें समर्थन देने के बारे में सोचा जाएगा।

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