शाम होते ही दम घोंटू बन जाता है हल्‍द्वानी ट्रंचिंग ग्राउंड का धुंआ…

गौलापार बाइपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड की आग आखिरकार बमुश्किल 19 दिन बाद शांत हुई। बीते तीन दिन से लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे नगर निगम व अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को आखिरकार सफलता हाथ लगी। मगर, इन 18 दिनों में इंदिरानगर व गौजाजाली क्षेत्र के लोगों ने जो कुछ देखा और सहा, वह किसी बुरे सपने से कम नहीं। लोगों का कहना है कि शाम होते ही ट्रंचिंग ग्राउंड का धुआं दम घोंटू बनने लगता था।

दैनिक जागरण ने मंगलवार को गौजाजाली व इंदिरानगर क्षेत्र की पड़ताल की। इस दौरान ट्रंचिंग ग्राउंड से उठ रहे जहरीले धुएं से हो रही परेशानी के बारे में जाना। बुजुर्गों ने बताया कि शाम होते ही हवा अपने साफ ट्रंचिंग ग्राउंड का धुआं साथ लेकर आती। गलियों में धुंध छाने लगती। इससे सबसे अधिक परेशानी गर्भवतियों व छोटे बच्चों को होती थी। जबकि बड़े-बुजुर्गों की खांसने की आवाज हर तरफ से आने लगती।

लगातार धुआं बन सकता है अस्थमा अटैक का कारण : डॉ. सिंघल

शहर के सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल ने बताया कि यदि किसी क्षेत्र के लोगों को लगातार धुंए या प्रदूषित हवा का सामना करना पड़ रहा है तो ये उनके स्वास्थ्य के लिहाज से बिलकुल भी ठीक नहीं है। हवा के साथ आने वाले प्रदूषित कण फेफड़ों को डैमेज कर सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से लोगों को मास्क आदि का उपयोग करना चाहिए। बताया कि लगातार धुआं अस्थमा के अटैक का कारण बन सकता है।

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