दिल्ली में ‘दूषित पानी’ पर सियासत…

भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार की नाकामी की वजह से राजधानी में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पानी के मुद्दे पर सियासत करने वाली सरकार दिल्लीवासियों को स्वच्छ जल मुहैया कराने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा देश के 20 शहरों से पेयजल के नमूने लेकर जांच की गई थी। दिल्ली का पानी अन्य शहरों की तुलना में ज्यादा दूषित मिला है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली जल बोर्ड है, बावजूद इसके यहां के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बुराड़ी, अशोक नगर और नंद नगरी सहित 11 स्थानों से पानी के नमूने लिए गए थे। सभी नमूने फेल हो गए हैं। प्रदेश भाजपा के महामंत्री राजेश भाटिया ने कहा कि आप सरकार जनता को पेयजल भी मुहैया नहीं करा सकी है। ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।

पानी की खराब गुणवत्ता के मामले में आप का पलटवार

केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रलय के ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) द्वारा की गई पानी की गुणवत्ता जांच में दिल्ली का पानी सबसे प्रदूषित पाया गया। इस रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार किया है। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को चुनौती देते हुए कहा कि हमारी उपस्थिति में दिल्ली के पानी और भाजपा शासित किसी शहर के पानी की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए, स्थिति साफ हो जाएगी कि कौन गलत और कौन सही है? पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल होने के बाद केंद्र सरकार पानी की गुणवत्ता पर राजनीति कर रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्रीय मंत्री इस तरह के गैर जिम्मेदार दावा कैसे कर सकते हैं, जबकि सितंबर में ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के पानी की गुणवत्ता को यूरोपीय मानकों से बेहतर होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे जलशक्ति मंत्रलय के मंत्री के बयान के तथ्यों की जांच करने से पहले करना न केवल गैरजिम्मेदाराना है बल्कि राजनीतिक पूर्वाग्रह वाला बयान है।

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