…तो इसलिए राजनाथ सिंह ने कहा कि आज राजनीति की परिभाषा बदल गई

लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने कहा कि आज राजनीति की परिभाषा बदल गई है। झूठ बोलना, धोखा देना, पीठ में चाकू मारना, पैर खींचना ही राजनीति बन गई है, जबकि जिस शब्द में नीति शामिल हो, उसमें इन सब चीजों का स्थान कैसे हो सकता है। व्यक्ति जैसा होता है, राजनीति वैसी बन जाती है। भगवान राम के हाथ में जब राजनीति जाती है तो भक्ति बन जाती है। कृष्ण के हाथ में जाने पर युक्ति, लेकिन सुभाष के हाथ में जाने पर शक्ति बन जाती है। वहीं भ्रष्ट नेताओं के हाथों में जाने पर यह संपत्ति और अराजक तत्वों के हाथ में जाने पर विपत्ति बन जाती है।

युवाओं की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी होगी

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) के नवनिर्मित सभागार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 21वीं सदी में भारत के विकास में युवाओं की भूमिका पर आयोजित सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को रोजगार तक ही सीमित नहीं रखना है। उनके चित्त के अंदर कुछ ऐसे विचार पैदा करने की जरूरत है, जिनसे देश निर्माण में उनको भागीदार बनाया जा सके। जिस युवा के दिल में कुछ कर गुजरने की तड़पन है तो उसे आगे बढऩे से कोई रोक नहीं सकता। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि यदि हम देश को वैभव दिलाना चाहते हैं तो राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने एक विदेशी अखबार में इनफोसिस व अलकायदा की तुलना किए जाने का जिक्र किया। कहा दोनों में युवा काम कर रहे हैं, दोनों का ग्लोबल नेटवर्क है। दोनों लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं, मगर एक का लक्ष्य रचनात्मक और दूसरे का विध्वंसात्मक है। ऐसे में यह विचार करने की जरूरत है कि वह कौन सा कारण है, जिससे युवा रचनात्मक सोच रखते हैं। केवल ज्ञानी होना पर्याप्त नहीं है। बल्कि चरित्रवान होना भी आवश्यक है।

घोटालों के पीछे अनपढ़ व्यक्तियों का हाथ नहीं

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि देश में हो रहे घोटालों के पीछे अनपढ़ व्यक्तियों का हाथ नहीं है। सभी मामलों में पढ़े लिखे लोग शामिल हैं। यही शिक्षा व्यवस्था पर मूल सवाल है। उन्होंने समाज को नई शिक्षा नीति और युवाओं को बेहतर चरित्र निर्माण की जरूरत बताई। सम्मेलन में एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने गृहमंत्री से युवा शक्ति के नाम से आइईटी सभागार का नामकरण का अनुरोध किया गया। उनके अनुरोध पर गृहमंत्री ने सभागार को स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल सभागार नाम दिया।

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