सरयू राय का टिकट कटा तो भाजपा में भूचाल तय…

Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा की ओर से जमशेदपुर पश्चिमी सीट से मंत्री सरयू राय को उम्मीदवार घोषित करने की बजाय उन्हें होल्ड पर रखे जाने से अब सबकी निगाहें सरयू राय पर टिकी हैं। भाजपा चुनाव प्रत्याशियों तीन सूची जारी हो चुकी है, लेकिन उन सूचियों से सरयू राय का नाम गायब है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ उनके तल्ख रिश्तों को इसकी वजह बताया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो टिकट नहीं मिलने की स्थिति में सरयू ने अपनी राजनीति का प्लान बी तय कर लिया है। चर्चाओं के बीच वर्तमान समीकरण में इस बात की भी प्रबल संभावना बनती दिख रही है कि सरयू राय मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके कैबिनेट मंत्री सरयू राय से चुनौती मिल सकती है। बताया जाता है कि इस बारे में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ चर्चा भी की है। ऐसे में सरयू राय पर सबकी नजरें टिकी हैं।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ अगर सरयू राय ने चुनाव लडऩे की घोषणा करते हैं तो विपक्षी दलों का भी उन्हें साथ मिल सकता है। हालांकि सरयू राय निर्दलीय चुनाव लडऩे की योजना बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस संबंध में उन्होंने भाजपा आलाकमान को भी अवगत करा दिया है। हालांकि उन्हें यह कहा गया है कि जब तक प्रत्याशियों की अंतिम सूची नहीं जारी हो जाती तब तक वे इंतजार करें, लेकिन उन्हें संभवत: इसका आभास हो गया है कि उनका टिकट कट रहा है। यही कारण है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने की योजना बनाई है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास के मंत्रिमंडल में रहने के बावजूद सरयू राय उनका खुलकर विरोध करते हैं। कई नीतिगत फैसलों पर उन्होंने सरकार की मुखालफत की है। एक वक्त ऐसा भी आया जब लग रहा था कि वे मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि विधानसभा में विपक्षी दलों के हो-हंगामे को आधार बनाकर उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा तत्काल मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वीकार कर लिया था। सरयू राय फिलहाल रघुवर दास की कैबिनेट में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हैं।

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