पूर्व सचिव पीके गुप्ता के बेटे ने की थी UP PF Scam में दलाली…

बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि की रकम निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) में निवेश कराने की अहम कड़ी आखिरकार आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को मिल गई है। ईओडब्ल्यू ने जब तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो कई राज खुलते चले गए। डीएचएफएल में किए गए निवेश में उसकी भूमिका अहम थी। माना जा रहा है कि निवेश कराने में शामिल जिन ब्रोकर फर्मों के पते फर्जी निकले हैं, उनमें अभिनव की अहम भूमिका थी। सूत्रों का कहना है कि अभिनव ने पूछताछ में उन फर्मों से जुड़े कई राज भी उगले हैं, जिनकी सिलसिलेवार पड़ताल कराई जा रही है। पुलिस का दबाव बढ़ने पर अभिनव ने ईओडब्ल्यू के अधिकारियों से संपर्क किया था।

14 ब्रोकर फर्मों के जरिये डीएचएफएल में भविष्य निधि की रकम निवेश किए जाने की बात सामने आई थी। ईओडब्ल्यू उन सभी फर्मों के बारे में छानबीन कर रही है और बैंकों की भी मदद ली जा रही है। धांधली में शामिल नौ ब्रोकर फर्मों के पते अब तक फर्जी निकल चुके हैं। ब्रोकर फर्मों से अभिनव का सीधा संपर्क सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि मोटा कमीशन तय कर ब्रोकर फर्में अभिनव के जरिये ही पावर कारपोरेशन के तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व अन्य अधिकारियों तक पहुंची थीं।

उल्लेखनीय है कि पीके गुप्ता से अभिनव के बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिए थे। नोएडा में रियल एस्टेट का कारोबार करने वाला अभिनव पिता पीके गुप्ता के पकड़े जाने के बाद ईओडब्ल्यू के सामने नहीं आया था। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का इससे उसकी भूमिका पर संदेह गहरा गया था और उसकी तलाश शुरू की गई थी। ईओडब्ल्यू उससे पूछताछ कर रही है। साक्ष्य जुटाने के बाद जल्द उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

ध्यान रहे, भविष्य निधि घोटाले में गिरफ्तार आरोपित पावर कारपोरेशन के पूर्व निदेशक एपी मिश्र, पूर्व निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू ने 14 ब्रोकर फर्मों की जांच तेज की थी। हजरतगंज कोतवाली में बीते दिनों 4122.70 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले के मामले एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन के निर्देश पर इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही है।

न्यायालय से मांगी भुगतान की अनुमति

बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि का पैसा लौटाने के लिए डीएचएफएल ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। एक याचिका पर अंतरिम जवाब दाखिल करते हुए डीएचएफएल ने कहा कि नेशनल हाउसिंग बैंक के निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक जमा पर भुगतान किया जाना जरूरी है, इसलिए उसे अनुमति दी जानी चाहिए। डीएचएफएल ने एफडी की परिपक्वता पर भुगतान के लिए 11 नवंबर को हाई कोर्ट में शपथपत्र दिया था। इस याचिका पर अब बुधवार को सुनवाई होगी।

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