आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से बच्ची को जबरन किया डिस्चार्ज, हुई मौत

एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती 11 साल की बच्ची को बाहर निकाल दिया गया। प्राइवेट अस्पताल लेकर गए तो वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस को भी सूचना दी, मामले में कार्रवाई की जा रही है।

अर्जुन नगर निवासी कामाक्षी शर्मा (11) पुत्री प्रमोद शर्मा को पेट जनित बीमारी पर बीते रविवार को एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में भर्ती किया था। यहां शुक्रवार को उसे बाल रोग विभाग में शिफ्ट कर दिया। प्रमोद शर्मा का आरोप था कि यहां बच्ची की सही देखभाल नहीं हो रही थी। इसकी जानकारी अपने रिश्तेदार भाजपा महानगर सह मीडिया प्रभारी दिनेश अगरिया को दी। दोपहर में बच्ची को देखने के लिए गए तो वहां चादर गंदे थे और आसपास कचरा पड़ा था। इस पर वह मोबाइल से फोटो खींचने लगे।

दिनेश अगरिया का आरोप है फोटो खींचने पर जूनियर डॉक्टरों ने उनसे और परिजनों से अभद्रता की। कहा कि यहां ऐसे ही इलाज मिलेगा, कहीं और इलाज करा लो। इतना कहते ही बच्ची को जबरन डिस्चार्ज कर बाहर कर दिया। तबियत बिगड़ने पर बच्ची को निजी अस्पताल लेकर गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित किर दिया। पुलिस भी आई, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी भी नहीं सुनी। पीड़ित ने विधायक योगेंद्र उपाध्याय से शिकायत की है। इनका कहना है कि प्राचार्य से भी शिकायत करेंगे। प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा का कहना है कि क्या मामला है इसकी जांच कराई जाएगी।

पहले भी कर चुके हैं ऐसा
एसएन में अव्यवस्थाओं का फोटो खींचने पर मरीज को बाहर निकालने को यह कोई पहला मामला नहीं है। यहां अगर कोई तीमारदार फोटो खींचकर इनकी कारगुजारी कैद करना चाहता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है या मरीज को बाहर कर देते हैं। इससे पहले इमरजेंसी में फौजी के फोटो खींचने पर जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की थी।

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