महागठबंधन में एक साथ लोकसभा-विधानसभा की सीट शेयरिंग : हेमंत सोरेन

झारखंड में विपक्षी महागठबंधन की कवायद सीट बंटवारे के मसले पर अटक रही है। महागठबंधन के नेतृत्व को लेकर भी आंशिक विवाद है लेकिन एक बात पर सभी एकमत हैं और वह है भाजपा के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए चुनाव मैदान में उतरना। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका निभाने को आतुर है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि महागठबंधन को लेकर स्थिति जल्द स्पष्ट हो जाएगी। लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है कि लोकसभा और विधानसभा के लिए सीटों की शेयरिंग पर समझौता एक साथ होना चाहिए। 

-विपक्षी महागठबंधन को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। सीट बंटवारे पर भी अभी तक किसी निर्णय पर आप लोग नहीं पहुंचे हैं।

महागठबंधन को लेकर सभी दलों में सहमति बन चुकी है। वरीय नेताओं संग भी बैठकें हो चुकी है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। भाजपा की नीतियों के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। दस दिनों के भीतर सबकुछ तय हो जाएगा।

-लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं। झारखंड मुक्तिमोर्चा किस प्रकार इसे देखता है?

हमारा एजेंडा झारखंड की खुशहाली है। हम जल, जंगल, जमीन की पार्टी का नेतृत्व करते हैं। झारखंड गलत हाथों में चला गया है। इस परिस्थिति से राज्य को बाहर निकालने के लिए सबको एकजुट होना होगा। एक साथ सीटों के लिए समझौता होगा। लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सीट शेयरिंग पर अभी फैसला होगा।

-2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान समझौता हुआ लेकिन विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस से तालमेल नहीं हो पाया? क्या इसे देखते हुए एक साथ आप सीट शेयरिंग पर निर्णय करना चाहते हैं?

सभी दलों की अपनी-अपनी नीतियां हैं। उसी मुताबिक सारे निर्णय होते हैं। अभी यह तय हुआ है कि हमें मिलकर चुनाव लडऩा है। आमलोगों की अपेक्षाएं हमसे जुड़ी है। राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा के खिलाफ गठबंधन तैयार हो रहा है। हम आशान्वित हैं कि निर्णय सकारात्मक  माहौल में होगा। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी, आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी।

-महागठबंधन भाजपा के खिलाफ है लेकिन राज्य सरकार के कामकाज की तारीफ हो रही है। भ्रष्टाचार का कोई आरोप सरकार पर नहीं है।

सरकार तो आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। सीएजी की रिपोर्ट देखिए, कंबल वितरण से लेकर तमाम योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी जगजाहिर है। ये किस आधार पर अपना चेहरा बेदाग बताते हैं, पता नहीं। पब्लिक इन्हें पहचान चुकी है और इनके झांसे में नहीं आने वाली है। चुनाव में इनको हकीकत का अहसास हो जाएगा।

-आपका एजेंडा क्या होगा चुनावों में? तैयारी किस स्तर पर हो रही है?

अबकी बार हेमंत सरकार के नारे के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव मैदान में जाएगी। भाजपा मुक्त झारखंड हमारा लक्ष्य है। भाजपा विपक्षी महागठबंधन से डरी हुई है और बौखलाहट में है। झारखंड से इनका सफाया हो जाएगा।

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