भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज तो गयी नौकरी
सर्विस प्रोवाइडर और बेशिक शिक्षाधिकारी का विभाग में चल रहा खेल।
शासन से लेकर जिला स्तर तक सर्विस प्रोवाइडर की हुई शिकायत पर बेशिक शिक्षाधिकार जांच आख्या में दे कर बचाने में जुटे।
तत्कालीन जिलाधकारी ने कम्पनी पर उठाये थे सवाल पर बी एस ए ने उसे बचाया।कम्पनी पर रिकबरी का आदेश आज 3 साल से ठंडे बस्ते में पड़ा।
एंकर-: हरदोई जनपद के बेशिक शिक्षा विभाग में बी एस ए और सर्विस प्रोवाइडर की मिली भगत से काफी लम्बा खेल चल रहा है।आपको बताते चले विभाग में सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से एकाउंटेंट और कम्प्यूटर आपरेटर लगाए गए थे ।जिनका वेतन सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से मिलता है। वेतन में सर्विस प्रोवाइडर 2500 हर व्यक्ति का काट लेता और उसको बचा कैश देता। ये कार्यक्रम 2 वर्षो तक चलता रहा ।अभी तक लगभग 40 लाख की कटौती हो चुकी है।
इसी बीच शासन से एक पत्र जारी हुआ जिसमें साफ आदेश था कि जो लोग संविदा या सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से विभागों में कार्यरत हैं उनका वेतन उनके खाते में किया जाए।जिसको लेकर शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मियों ने तत्कालीन जिलाधकारी से शिकायत की जिस पर विभाग को आदेश किया गया कि तत्काल सभी के खाते खुलाये जाए और भुगतान खातों में हो।और कम्पनी द्वारा काटे गए मानदेय की सारी रिकबरी की जाए।जिस आदेश का पालन बी एस ए महोदय ने नही किया और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। सपा सरकार थी ओर सर्विस प्रोवाइडर की सपा सरकार में अच्छी पकड़ थी तो कोई किसी अधिकारी ने कुछ नही किया।
जैसे ही सरकार बदली बी जे पी सरकार प्रदेश में आये जो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कठोर कदम उठा रही थी तो कर्मियों ये फिर से उस समय आये आदेश को लेकर तत्कालीन जिलाधकारी को एक पत्र दिया कि उनके खाते खुलाये जाए ।जिस पर बी एस ए अधिकारियो को गुमराह करने लगे।फिर बात शासन तक पहुची प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया जिसके बाद जिले में आये उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के सामने कर्मियों ने अपना दर्द सुनाया जिस पर बी एस ए को तुतंत खाते खुलाने को बोला गया। तब विभाग ने खाते खुलाये पर 2 माह का पूरा भुगतान किया गया फिर कर्मियों को बोला गया 2500 काटे जाएगे जिसका 4 कर्मियों ने विरोध किया तो उनको विना किसी नोटिस या सूचना के विभाग में कार्य करने को मना कर दिया। जो लेवर एक्ट धारा 25 के अनुसार पूरी तरह गलत है।
वी ओ-: निकाले गए कर्मी द्वारा जो भी शासन को शिकायत की जाती है उसकी आख्या पूरी फर्जी लगाई जाती है।जैसा कि आप देख सकते हैं एक शिकायत में बी एस ए आख्या दे रहे हैं कि उन्होंने नही सर्विस प्रोवाइडर ने कर्मियों को विभाग से बाहर करने को बोला जबकि उसी प्रश्न की शिकायत पर सर्विस प्रोवाइडर आख्या दे रहा कि मैने नही बी एस ए ने उन कर्मियों को विभाग से निकाला। दोनो लोग अपने ऊपर लगे आरोपो की आख्या दे रहे हैं।
मामला जब ज्यादा तूल पकड़ा तो सर्विस प्रोवाइडर ने बचे हुये कर्मियों को एक दिन अपने घर बुलाया और सभी के फोन बंद करा कर एक मीटिंग की जिसमे उसने साफ बोला कि मैं अपना 500 रुपये छोड़ सकता हूं पर बी एस ए अपना नही छोड़ रहे।साथ ही उसने कहा ये पैसा ऊपर तक जाता है।अगर आप लोग नही देगे तो कोई और कम्पनी आएगी और आप लोग भी विभाग से बाहर कर दिए जाएंगे।होली का त्यौहार आ गया पर कर्मियों को उनका भुगतान नबम्बर से नही किया गया है। उनसे बोला जा रहा पहले आप 2000 रुपये अपने अपने जमा करो फिर भुगतान होगा।जबकि शिक्षा विभाग से सभी कर्मियों का फरवरी तक का बजट पास हैं।
बाइट शिकायतकर्ता
बाइट बेसिक शिक्षा अधिकारी
बाइट विभाग से निकाले गये कर्मी
बाइट कार्यरतकर्मी
neeraj tiwari computet opretar
sachiv ka letar nidhi ko lekar
vidhayak bilgaram n bsa ko likha patr