बार-बार मुंह में छाले होना किस विटामिन की कमी का है संकेत

मुंह में छाले होना एक ऐसी समस्या है जिससे लगभग सभी लोग कभी न कभी जरूर दो चार होते हैं। लेकिन ये बीमारी किसी को बार बार हो रही है तो शरीर में किसी चीज के कमी का संकेत हो सकता है। मुंह में छाले होने को मुंह पकना या माउथ अल्सर भी कहा जाता है। इन छोटे, सफेद या लाल घावों को अक्सर लोग पेट की गर्मी या तनाव का नतीजा मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये आपके शरीर के अंदर चल रही पोषण की गंभीर कमी का शुरुआती और स्पष्ट संकेत हो सकते हैं। बार-बार छाले आना यह दर्शाता है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है और आपके शरीर में उन आवश्यक तत्वों की कमी है जो श्लेष्मा झिल्ली और ऊतकों को स्वस्थ रखते हैं। अगर छाले लगातार होते हैं और जल्दी ठीक नहीं होते, तो यह साफ संकेत है कि आपको अपनी डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है। यह समस्या सिर्फ खाने-पीने में दिक्कत नहीं पैदा करती, बल्कि इसके पीछे विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और आयरन की कमी जैसे बड़े कारण छिपे होते हैं। इन संकेतों को समझना और उनका सही इलाज करना आपके दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं मुंह में बार-बार छाले होने के पीछे किस विटामिन की कमी होती है और इनसे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। विटामिन B12 और फोलेट की कमी बार-बार मुंह में छाले होने का सबसे बड़ा कारण विटामिन B12 (कोबालमिन) और फोलेट (विटामिन B9) की कमी है। ये दोनों विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब शरीर में इन विटामिनों की कमी होती है, तो मुंह की म्यूकस मेंमब्रेन के सेल्स ठीक से विकसित नहीं हो पाती हैं और जल्दी टूट जाती हैं, जिससे छाले बन जाते हैं। यह कमी अक्सर शाकाहारी लोगों या उन लोगों में देखी जाती है जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है। आयरन और जिंक का भी है कनेक्शन विटामिनों के अलावा, आयरन और जिंक जैसे खनिज भी मुंह के छालों से जुड़े होते हैं। आयरन की कमी से एनीमिया होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है और ऊतकों की मरम्मत धीमी हो जाती है। जिंक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और घावों को जल्दी भरने में मदद करता है। इन दोनों तत्वों की कमी भी मुंह के छालों की आवृत्ति को बढ़ा सकती है। तनाव, पाचन और अन्य ट्रिगर पोषण की कमी के अलावा, मुंह के छाले अत्यधिक तनाव, पाचन संबंधी समस्याएं (जैसे कब्ज), और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण भी ट्रिगर हो सकते हैं। कुछ लोगों को तेज मसालेदार या अम्लीय भोजन खाने के बाद भी छाले हो जाते हैं। इसके अलावा, गंदे दाँतों से मुंह में चोट लगना या खराब डेंटल हाइजीन भी इस समस्या को बढ़ा सकती है। बचाव और जरूरी सावधानियां मुंह के छालों से बचने के लिए, अपनी डाइट में विटामिन B12 (डेयरी उत्पाद, अंडे, फोर्टिफाइड अनाज), फोलेट (हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, दालें) और आयरन (पालक, मेवे) से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। खूब पानी पिएं और तनाव कम करने के लिए योग या मेडिटेशन करें। अगर छाले दो हफ़्तों से ज्यादा रहें या लगातार होते रहें, तो तुरंत डॉक्टर या डेंटिस्ट से सलाह लें।
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