
केंद्र सरकार ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के दूसरे दिन 21 कंपनियों ने समझौते किए। इससे इस कार्यक्रम में निवेश के लिए समझौतों की कुल वैल्यू 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन 21 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का वादा किया।
भारत मंडपम में समिट के दूसरे दिन ग्लोबल रेगुलेटर्स, इंडस्ट्री लीडर्स, स्टार्टअप और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया। बातचीत में सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी, निवेश और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर ध्यान दिया गया।
किन विषयों पर हुई चर्चा
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कार्यक्रम के पांच स्तंभों पर केंद्रित 13 सत्र आयोजित किए। इसमें पेट फूड, स्पेशिलटी फूड, न्यूट्रस्यूटिकल्स, शराब और प्लांट-बेस्ड फूड जैसे मुख्य विषय शामिल थे।
बयान में कहा गया कि इस दिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, झारखंड और बिहार जैसे भागीदार राज्यों के साथ न्यूजीलैंड, वियतनाम, जापान और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के सेशन भी हुए। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण और विश्व बैंक ने भी चर्चाएं आयोजित कीं।
‘निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान’
बयान में कहा गया कि सम्मेलन में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को मजबूत करने के लिए रूस और पुर्तगाल के समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें हुईं। इसी समय, भारत समुद्री खाद्य निर्यातक संघ द्वारा आयोजित 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो में देश की बढ़ती समुद्री खाद्य निर्यात क्षमता और वैश्विक बाजार के संबंध दिखाए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 कार्यक्रम के पहले दिन कहा कि भारत में विविधता, मांग और पैमाने की ट्रिपल ताकत है। पीएम मोदी ने भी जोर देते हुए कहा कि घरेलू मांग में यह ताकत भारत को प्रतिस्पर्धी बढ़त देती है और इसे निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती है।