वेदांता को झटका, सरकार ने नहीं बढ़ाया दो ऑयल फील्ड का प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट

वेदांता को केंद्र सरकार से एक बड़ा झटका मिला है। सरकार ने वेदांता के साथ हुए दो ऑयल फील्ड के प्रोडक्शन शेयरिंग कांट्रैक्ट को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है और साथ ही सरकारी तेल-गैस कंपनी ONGC को इन दोनों ऑयल फील्ड का टेकओवर करने का आदेश दिया है

हालांकि इस सरकारी फैसले का वेदांता के शेयर पर कोई निगेटिव असर नहीं दिख रहा है। करीब सवा 1 बजे वेदांता का शेयर BSE पर 4.25 रुपये या 0.93 फीसदी की गिरावट के साथ 459.80 रुपये पर है।

कितना होता है तेल-गैस का उत्पादन

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार ने सीबी-ओएस/2 पीएससी ब्लॉक के ठेकेदार पक्षों (मेसर्स वेदांता लिमिटेड, मेसर्स ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड और मेसर्स टाटा पेट्रोडाइन लिमिटेड) को संबोधित करते हुए कहा है कि इनके द्वारा प्रोडक्शन शेयरिंग कांट्रैक्ट (पीएससी) के विस्तार के लिए दाखिल किए गए आवेदन स्वीकार नहीं किया गया है।

सीबी-ओएस/2 ब्लॉक भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक अपतटीय ब्लॉक है, जिसे इन ठेकेदारों को 30 जून, 1998 को प्री-न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (एनईएलपी) पीएससी के तहत अलॉट किया गया था। तेल एवं गैस की कमर्शियल खोज के बाद, साल 2002 में पीएमएल दिया गया। लक्ष्मी और गौरी क्षेत्रों से युक्त यह ब्लॉक वर्तमान में प्रतिदिन 3400 बैरल तेल और 340,000 एससीएमडी गैस का उत्पादन कर रहा है।

ओएनजीसी को सौंपा जिम्मा

इसके अलावा एक अलग लेटर के जरिए सरकार ने ओएनजीसी को सरकारी नॉमिनी के रूप में इन ब्लॉक से जुड़े सभी डेटा, एसेट्स, ऑपरेशन और जिम्मेदारियों का कंट्रोल अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। ओएनजीसी ब्लॉक का नियंत्रण अपने हाथ में ले रही है।

ओएनजीसी को पेट्रोलियम ऑपरेशंस जारी रखने के लिए दिए गए ये निर्देश भारत सरकार द्वारा पेट्रोलियम ऑपरेशंस की निरंतरता बनाए रखने और ब्लॉक अन्य पक्ष को दिए जाने तक पेट्रोलियम भंडार की सुरक्षा के लिए हैं।

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