
उत्तर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि प्रदेश में अब तक लगे स्मार्ट मीटर में मिली खामियों को दूर किया जाए। इसके बाद ही नए मीटर लगाए जाएं। परिषद ने विभागीय रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि तमाम स्मार्ट मीटर की रीडिंग जीरो है, जिससे बिजली कंपनी को लाखों का चूना लगना तय है।
प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लगातार विवाद चल रहा है। पॉवर कॉर्पोरेशन का दावा है कि ज्यादातर स्थानों पर मीटरों में खामियां नहीं मिली हैं, जबकि उपभोक्ताओं का आरोप है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं। बिल अधिक आ रहे हैं तो कहीं-कहीं मीटर रीडिंग जीरो हो जा रही है।
जांच करवाकर कमियां दूर की जाएं
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि अब तक लगे करीब 40 लाख मीटरों की जांच कराई जाए और कमियां दूर की जाएं। वर्मा ने कहा कि 15 सितंबर को हुई समीक्षा बैठक के लिए तैयार की गई बुकलेट में दर्ज आंकड़ों से स्पष्ट है कि जीनस कंपनी द्वारा पूर्वांचल में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के यहां लगाए गए 3605 मीटरों में सुबह 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक रीडिंग जीरो रही।
1896 स्मार्ट प्रीपेड मीटर में 15 दिन से रीडिंग जीरो रही। 1218 मामले ऐसे आए जिसमें करंट तो उपलब्ध है, लेकिन वोल्टेज जीरो है। पॉवर सेक्टर के फार्मूले के अनुसार यदि वोल्टेज जीरो हो गया तो पूरी रीडिंग ही जीरो हो जाएगी। इससे स्पष्ट है कि पॉवर कॉर्पोरेशन को ही ये कंपनियां नुकसान पहुंचा रही हैं।